Chhattisgarh: कहावत और फिल्मों में आपने कई बार सुना होगा कि "जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों". इसी कहावत को चरितार्थ करने का मामला छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में देखने को मिला है. जहां पिता का साया उठने के बाद जिले के कलेक्टर ने 6 साल की दुधमुही बेटी के लिए वो कदम उठाया है जो बहुत कम ही देखने को मिलता है.


दरअसल सूरजपुर के रहने वाले एक जवान युवक नवीन दुबे के साथ उनकी मां और दादी की 19 मार्च को सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जबकि नवीन के पिता वरिष्ठ पत्रकार उपेन्द्र दुबे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस सड़क हादसे के बाद जो सबसे दर्दनाक पहलू था. उसने सबको झकझोर कर रख दिया था. क्योंकि हादसे में मृत नवीन की शादी कुछ समय पहले ही हुई थी. उसकी 6 महीने की बेटी मां की गोद में बिलख रही थी. उस दौरान कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने परिवार की हर संभव मदद की, और अब भी मदद कर रहें हैं.


Jashpur Elephant Attack: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में हाथी ने 60 साल के बुजुर्ग पर किया हमला, इलाज के दौरान मौत


ऐसे हुआ था हादसा


सूरजपुर के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ जो 19 मार्च को हुआ. क्योंकि इस दिन पत्रकार उपेन्द्र दुबे के परिवार में एक साथ तीन अर्थी पड़ी थी. हादसा उस वक्त हुआ जब होली के दूसरे दिन परिवार के चार सदस्य उत्तर प्रदेश के बभनी स्थित अपने पैतृक गांव में किसी पूजा कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. हादसे के वक्त कार चला रहे नवीन दुबे को झपकी लग गई. जिससे वाहन पेड़ से जाकर टकरा गई. वाहन चला रहे नवीन दुबे के साथ उनकी मां और दादी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.


वहीं उपेन्द्र दुबे को गंभीर हालत में अम्बिकापुर के लाईफ लाईन हास्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां से वो इलाज के बाद ठीक हो गए. पर अब सबसे बड़ी चुनौती मृतक नवीन की पत्नी और उसके 6 माह की बच्ची के भविष्य संवारने का था. लिहाजा कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने अपने अधीनस्त अधिकारियों के साथ एक प्लान तैयार किया.


कलेक्टर ने जो किया.. आज तक नहीं हुआ


कलेक्टर ने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर नवीन की बच्ची और उसकी पत्नी की बेहतरी के लिए प्लान बनाया. उसके तहत पहले तो उसकी पत्नी और बेटी के महीने के खर्च और भविष्य की चिंता करते हुए सूरजरपुर के अधिकारी कर्मचारी ने आठ लाख रूपए जमा किए. जिसको पोस्ट ऑफिस में मंथली इनकम स्कीम के तहत फीक्स डिपॉजिट कर दिया गया. जिससे नवीन की पत्नी को 18 साल तक महीने के खर्च के लिए 44 सौ रूपए मिलता रहेगा. इसके अलावा बेटी के भविष्य के लिए प्रशासन ने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवाया है. जिसमे पहली किश्त के रूप में कलेक्टर समेत अधिकारियों के सहयोग से 52600 रुपये जमा किए गए.


वहीं 18 साल तक की किश्त के लिए कलेक्टर समेत 16 अधिकारियों ने अपने खाते से प्रति माह 38 सौ रुपये मतलब साल के 52,600 रुपये की राशि कटवाने के लिए अपने-अपने खाते बेटी के सुकन्या खाते से लिंक करा लिए. जिससे नवीन की पत्नी को सुकन्या खाते में कभी रुपये जमा करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. इतना ही नहीं कलेक्टर अपनी पत्नी और एसडीएम रवि सिंह के साथ नवीन के घर पहुंचे. दोनों खातों के पासबुक समेत 1.50 लाख की नगद राशि पीड़ित परिवार को सौंप दी. इसके अलावा चंद दिनों में नवीन की इंजीनियर पत्नी की नौकरी के लिए भी परिवार के सदस्यों के सामने बैठकर कई अधिकारियो से बात भी की.


कौन थे मृतक नवीन


मृतक नवीन दुबे कुछ दिन पहले ही कलेक्टर के पीआरओ कार्यालय में पदस्थ हुए थे. लेकिन नवीन कोई रेगुलर कर्मचारी या फिर कलेक्टर के कोई पुराने पहचान वाले नहीं थे. दरअसल नवीन अस्थाई रूप से किसी प्लेसमेंट कंपनी के वर्कर के रूप मे कलेक्टर पीआरओ में कार्य कर रहे थे.


ये भी पढ़ें-


Jagdalpur News: वार्ड के कचरे का ढेर लेकर नगर निगम दफ्तर पहुंचे बीजेपी पार्षद, सफाई के मुद्दे पर दिया धरना