Surajpur: मरीज के परिजन से एंबुलेंस के ड्राइवर ने की जबरन वसूली, देर होने से गई शख्स की जान
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में अस्पताल ले जाने के दौरान एक व्यक्ति की रास्ते में ही मौत हो गई. इस मामले में अस्पताल के एम्बुलेंस ड्राइवर की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
Surajpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में निचले स्तर पर मौजूद कर्मचारी शासन की योजनाओं और प्रयासों पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. इसका उदाहरण सूरजपुर (Surajpur) में देखने को मिला जहां दर्द से तड़पते मरीज को पहले तो एम्बुलेंस देने के नाम पर डेढ़ घंटे तक इंतजार कराया गया और फिर मरीज के परिजन से ही एम्बुलेंस (Ambulance) में डीजल डलवाने के नाम पर 900 रुपए ले लिए गए. लेकिन पैसे देने के बाद भी मरीज की जान नहीं बच पाई. ऐसे में अब मृतक के परिजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. इधर, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं.
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम खोरमा सरनापारा निवासी 40 वर्षीय मुन्ना सारथी को अचानक उल्टी और दस्त की शिकायत पर प्रतापपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह व्यक्ति शूगर और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित था. ऐसे में डॉक्टर द्वारा मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया था. लेकिन परिजन का आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एम्बुलेंस देने को कहा गया लेकिन एम्बुलेंस डेढ़ घंटे बाद उन्हें मिल सका.
मरीज के परिवार से लिए डीजल के पैसे
इस दौरान मरीज दर्द से तड़पते रहा. किसी तरह एम्बुलेंस पहुंची तो परिजन मरीज को लेकर मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हुए लेकिन सीएचसी से निकलते ही चालक ने एम्बुलेंस को पेट्रोल पम्प पर खड़ा कर दिया और वाहन में डीजल डलवाने को बोलने लगा. जब उन्होंने डीजल डलवाने से मना किया तो उन्हें बीच रास्ते में उतारकर वापस जाने की धमकी देने लगा. ऐसे में रोते बिलखते परिजन ने मजबूरी में अपने पास रखे हुए 900 रुपए ड्राइवर को दिए. मरीज के परिजन द्वारा दी गई राशि से चालक ने एम्बुलेंस वाहन में डीजल भरवाया और उसके बाद ही वह आगे बढ़ा. किसी तरह परिजन मरीज को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे लेकिन कुछ ही घंटों में उल्टी और दस्त से तपड़कर युवक की मौत हो गई.
परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
इस मामले में मृतक की बड़ी बहन मगध, जीजा सोनू और पत्नी ने आरोप लगाया है कि चालक ने एम्बुलेंस में डीजल डलवाने के लिए जबरन उनसे वसूली की और जानबूझकर गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में देरी की जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना को लेकर परिजन का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें परिजन ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. बड़ी बात तो यह है कि शासकीय एम्बुलेंस हो या फिर संजीवनी 108 एम्बुलेंस सभी की सेवा निःशुल्क है और उन्हें डीजल और खाने का खर्चा दिया जाता है. इसके बाद भी एम्बुलेंस चालक ग्रामीणों से उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर अवैध वसूली कर रहे हैं.
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
इस संबंध में सूरजपुर सीएमएचओ डॉ आरएस सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिली है. एम्बुलेंस सीएचसी प्रतापपुर की है. इस मामले में बीएमओ को जांच के आदेश दिए गए हैं. मरीज के परिजन का पैसा लौटाने के निर्देश दिए गए है. जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.