Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सूरजपुर (Surajpur) जिले के बतरा जलाशय के पास सुविधाओं का अभाव है. नैसर्गिक सुंदरता के कारण इस स्थल पर सैर सपाटा करने वालों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है लेकिन दूर दराज से आने वाले लोगों को निराश होना पड़ रहा है. बतरा जलाशय (Batra Reservoir) की अनदेखी के कारण यहां घूमने आने वाले को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जलाशय के पास लोगों के बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था नहीं है. यह स्थल कई वर्षों से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से यहां पर पर्यटकों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है.
तरस रहा पर्यटन सुविधाओं के लिए
छत्तीसगढ़ राज्य जब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से अलग नहीं हुआ था उस दौरान सन 1975-80 के बीच बतरा जलाशय का निर्माण लाखों रुपए की लागत लगाकर कराया गया था. इस कार्य के लिए दो दर्जन गांव के लोगों ने अपनी भूमि शासन को दे दी थी लेकिन वर्तमान में दुखद पहलू यह है कि जिले का सबसे बड़ा और प्राचीन बतरा जलाशय कई वर्षों बाद भी पर्यटन के मुताबिक की सुविधाओं के लिए तरस रहा है. कहने को तो बतरा जलाशय जिले का सबसे बड़ा बांध है लेकिन दूर दराज के क्षेत्रों से यहां आने वालों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. बतरा जलाशय जिस गांव में स्थित है वह छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव व भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े का गृहग्राम है.
दुर्घटना का भी बना रहता है डर
इधर बतरा जलाशय के पास सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी कोई पहल न होने से आए दिन लोगों में दुर्घटना का भय बना रहता है. प्रशासन द्वारा इस जगह पर अब तक कोई भी सूचना बोर्ड या सावधानी चार्ट स्थापित नहीं किया गया है. इसी कारण यहां कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह जलाशय चारों ओर से हरियाली के बीच है. लोग छुट्टियों में दूर दूर से बड़ी संख्या में यहां आते हैं. इसके पास में ही भगवान शिव का मंदिर है. शिवरात्रि और सावन के अवसर पर यहां ग्रामीणों द्वारा मेला भी लगाया जाता है.
उमड़ती है लोगों की भीड़
वर्तमान में बतरा जलाशय के पास घूमने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. बीते वर्ष दिसंबर के महीने में सैकड़ों की तादाद में लोगों की आवाजाही रही. वर्ष के अंतिम दिन पैर रखने की जगह नहीं थी, नए साल में मौके पर जलाशय के पास लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. लोग खुले में ताजी हवा लेने बतरा जलाशय के पास आते हैं और सुकून के दो पल बिताते हैं. इसके बावजूद यह स्थल उपेक्षा का शिकार है.
विधायक ने क्या कहा
इस संबंध में संसदीय सचिव और विधायक पारसनाथ राजवाड़े का कहना है कि, वह स्थल पर्यटन स्थल घोषित नहीं है. एक एरिकेशन, इसलिए वहां एक छोटा सा गेस्ट हाउस बनाए हैं. इसके अलावा वहां कुछ नहीं किया गया है क्योंकि वह पर्यटन स्थल नहीं है. गेस्ट हाउस है ताकि वहां कोई आएगा, जाएगा तो ठहरेगा. इसके अलावा बांध है, बगल में गौठान है. बांध में हुए हादसों पर उन्होंने कहा कि मछली मारने वाले वहां कभी कभी जाते हैं. अब जनरल कोई वहां जाएगा तो कोई क्या कर सकते हैं. उन्होंने अंत में कहा कि इसके लिए कुछ व्यवस्था करेंगे.