Surajpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) जिले में विशेष संरक्षित पंडो जनजाति के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने पर मजबूर हैं. बारिश में तो हालात इस कदर खराब हो जाते हैं कि पंडो जनजाति के बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार करने के बाद स्कूल पहुंचते हैं. इसके अलावा पंडो परिवारों को शासकीय योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पाता. दरअसल, मामला जिले के प्रेमनगर ब्लॉक का है. यहां के ग्राम दुर्गापुर और कांदाबाड़ी के बीच एक नदी बहती है. कई बार मांग करने के बावजूद आज तक नदी पर पुल नहीं बन सका है. 


लिहाजा कांदाबाड़ी में निवास करने वाले पंडो जनजाति के बच्चों को बारिश के दिनों में उफनती नदी को पार करने के बाद स्कूल जाना पड़ता है. इससे हादसे का खतरा बना रहता है. इसके अलावा नदी में पानी भर जाने से पंडो बाहुल्य बस्ती के रहवासियों का ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क कट जाता है. इस वजह से इन्हें कई शासकीय योजनाओं का फायदा नहीं मिल पाता. ग्राम पंचायत दुर्गापुर के आश्रित ग्राम कांदाबाड़ी में निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में परेशानियों का सामना कर रहे हैं.


बस्ती में रहते हैं 200 पंडो परिवार
यहां करीब 200 पंडो परिवार निवास करते हैं. पुल की सुविधा न होने के कारण बरसात के मौसम में दुर्गापुर और कांदाबाड़ी को जोड़ने वाली नदी में पूरी तरह से पानी भर जाता है और पूरी बस्ती टापू में तब्दील हो जाती है. इसके कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के साथ ही बस्ती में किसी की भी अचानक तबीयत खराब हो जाने की स्थिति में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नदी में पूरी तरह से पानी भरने के कारण मार्ग अवरूद्ध हो जाता है और आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है. 


कई बार कर चुके हैं पुल बनाने की मांग
इसके कारण स्कूली बच्चों का स्कूल जाना भी बंद हो जाता है. कई बच्चों के परिजन किसी तरह जान जोखिम में डाल बच्चों को नदी पार कराकर उन्हें स्कूल तो भेजते हैं, लेकिन अक्सर अनहोनी का खतरा बना रहता है. यहां के रहवासियों का कहना है कि वो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित शासन-प्रशासन से नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है और स्थिति जस की तस बनी हुई है. 


बारिश में सड़क हो जाती है गड्ढ़ों में तब्दील
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कांदाबाड़ी में पक्की सड़क का निर्माण नहीं होने के कारण बरसात के मौसम में पूरी सड़क कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढ़ों में तब्दील हो जाती है. जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में ग्राम पंचायत दुर्गापुर के सरपंच लाल सिंह ने बताया कि ग्रामसभा से प्रस्तावित कर कई बार सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु मांग की गई है, लेकिन अभी तक सड़क निर्माण के लिए किसी तरह की कोई भी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है.


सूरजपुर कलेक्टर ने क्या कहा
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वो यहां पर बैंक बहुत दूर है और बरसात के मौसम में विकासखंड मुख्यालय से संपर्क टूट जाने के कारण वो अपनी रोजगार गारंटी, पेंशन और बोनस सहित अन्य राशि खातों से नहीं निकल पाते. इससे उनके समक्ष आर्थिक रूप से भी समस्या खड़ी हो जाती है. ग्रामीणों ने समस्याओं के निराकरण सहित गांव में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित शासन-प्रशासन से मांग की है. इस संबंध में सूरजपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जहां जरूरत है वहां रिस्पॉन्स किया जाएगा. उक्त गांव की समस्या को लेकर उचित पहल की जाएगी.


बता दें ग्राम पंचायत दुर्गापुर और कांदाबाड़ी के बीच स्थित नदी पर पुल नहीं होने के कारण बरसात के मौसम में नदी पानी से पूरी तरह भर जाती है. आवागमन अवरूद्ध होने के कारण वाहनों के भी पहिए थम जाते हैं. ऐसी स्थिति में पंडो जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ता है. गौरतलब है कि बरसात के मौसम में ग्राम कांदाबाड़ी में हैजा बीमारी की शिकायतें बढ़ जाती हैं. ऐसे में जिले का स्वास्थ्य विभाग किसी तरह उक्त पंडो बाहुल्य बस्ती में पहुंच कैम्प लगाकर लोगों का इलाज करता है.


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