(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Surajpur: सात साल में पुलिस विभाग को लगाया लाखों का चूना, कांस्टेबल के फर्जीवाड़े का ऐसे हुआ खुलासा
Surajpur News: सात साल में पुलिस आरक्षक ने फर्जी कागजात के सहारे 17 लाख से अधिक का चूना लगाया. कोषालय में राशि का सत्यापन नहीं होने से फर्जीवाड़े की खुली पोल. पुलिस ने आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया.
Chhattisgarh Fraud Case: सूरजपुर में कांस्टेबल के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. कांस्टेबल ने पुलिस विभाग को 18 लाख का चूना लगाया है. दीपक सिंह जयनगर थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात है. आरोप है कि चालान की राशि को कोषालय में जमा करने के बजाये फर्जी, बिल, रसीद और सील दिखाकर 18 लाख हड़प लिये. एडिशनल एसपी संतोष महतो ने बताया कि कांस्टेबल दीपक सिंह सात वर्षों से पुलिस विभाग को गुमराह कर रहा था. जनवरी 2014 से जून 2017 तक वसूल किए गए समंस शुल्क की जमा राशि की ऑडिट कराई गयी थी. ऑडिट में कांस्टेबल के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.
मामले में पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल दीपक सिंह पिता कामेश्वर सिंह निवासी बिश्रामपुर को गिरफ्तार कर लिया है. फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर थानों और चौकियों प्रभारियों में हड़कंप मच गया. थाने और चौकी के रिकार्डों का मिलान ट्रेजरी से कराने की कवायद शुरू कर दी गयी है. आशंका जताई जा रही है कि गबन की राशि का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. जयनगर थाने के कांस्टेबल दीपक सिंह को नियमित कोर्ट कार्य डाक वितरण एवं समन शुल्क की राशि बैंक में जमा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
कांस्टेबल ने पुलिस विभाग को लगाया लाखों का चूना
2016 से पुलिस की नाक के नीचे कांस्टेबल शासन को चूना लगाता रहा. आखिरकार पुलिस ने राशि का सत्यापन कराने के लिए प्रतिवेदन जिला कोषालय भेजा. कोषालय ने 72 अलग-अलग चलानों के माध्यम से 9 लाख 79 हजार 400 का सत्यापन नहीं होने की जानकारी दी. मामले में जिला कोषालय अधिकारी ने सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कांस्टेबल के फर्जीवाड़े की पोल खोल दी. कोषालय में संबंधित शुल्क का मिलान नहीं होने पर लाखों रुपये गबन का मामला प्रकाश में आया. कांस्टेबल को चालानी राशि को ट्रेजरी में जमा करने के लिए दिया जाता था.
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