सूरजपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के मामले में अब तक दर्ज नहीं हुई FIR, सांठगांठ से जारी हुए थे सर्टिफिकेट
Surajpur News: सूरजपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है जबकि आरोपी के जाति प्रमाणपक्ष निरस्त कर दिए गए हैं. एसडीएम से शिकायत के बाद मामला उजागर हो पाया था.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. जिससे अब ग्रामीण अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं. बता दें कि जिले के रामानुजनगर अनुविभाग क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नारायणपुर निवासी आवेदक लालूउद्दीन पिता नवाब अली अंसारी ने विगत दिनों अपने 4 पुत्रों अहमद रजा अंसारी, अंजुम परवीन, जमाल रजा अंसारी, जावेद रजा अंसारी ने देवनगर उप तहसील में अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए दाखिल खारिज पंजी के प्रतिलिपि में कूट रचना करते हुए मुसलमान के स्थान पर मोमिन जुलाहा लिखकर आवेदन प्रस्तुत किया था.
ग्रामीणों ने एसडीएम से की थी शिकायत
जिसके बाद नायब तहसीलदार के द्वारा आवेदक को अस्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. अस्थाई जाति प्रमाण पत्र मिलने के बाद आवेदक ने स्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए अनुविभागीय कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया. जहां प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर एसडीएम के द्वारा संबंधित को स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
मामले की पोल तब खुली जब ग्रामीणों ने मौखिक रूप से इसकी शिकायत एसडीएम से की. शिकायत मिलने के बाद पूरे मामले की जांच शुरू हुई. जांच में पाया गया कि आरोपी लालुउद्दीन के द्वारा दाखिल खारिज पंजी के प्रतिलिपी पर कूटरचित कर मुसलमान के स्थान पर मोमिन जुलाहा लिखकर आवेदन सहित अन्य दस्तावेज संलग्न किया, जिसे नायब तहसीलदार उपतहसील देवनगर द्वारा अस्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया.
आरोपी के जाति प्रमाणपत्र निरस्त
तत्पश्चात स्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए एसडीएम रामानुजनगर में आवेदन किया और वहां भी स्थाई पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया. जिसमें एसडीएम अजय मोड़ियम ने जांच कराई. जांच में पाया गया कि आरोपी लालुद्दीन के द्वारा दाखिल खारिज के सत्यापित प्रतिलिपि में छेड़छाड़ कूट रचित कर दस्तावेज में संलग्न किया.
जांच के बाद आरोपी के जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिए हैं. लेकिन आरोपी के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. जिससे अधिकारियों पर भी कार्य में संलिप्त होने का संदेह हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि आरोपी ने द्वारा एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा पैसे की लेनदेन कर प्रमाण पत्र प्राप्त किया है.
सांठगांठ से जारी हुए थे प्रमाण पत्र
इस पूरे मामले में पहले तो देवनगर उपतहसील से अस्थाई जाति प्रमाण पत्र और बाद में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय रामानुजनगर से स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. लोगों ने यह आरोप लगाया है कि एक संगठित गिरोह आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के लिए इन कार्यालयों में सक्रिय है और इनमें राजस्व अमले के कुछ कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध है.
बहरहाल सांठगांठ से जारी हुए इन प्रमाण पत्रों से प्रशासन की भी नींदे उड़ गई है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि बड़ी तादाद में ऐसे प्रमाण पत्रों के और भी प्रकरण जांच में सामने आएंगे. इस संबंध में एसडीएम अजय मोड़ियम ने कहा कि जांच पूरी कर ली गई है. सभी का जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया गया है. साथ ही सभी आरोपियों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. वहीं इस पूरे मामले में संलग्न कर्मचारियों के ऊपर स्पष्टीकरण जारी कर दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई होगी.
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