छत्तीसगढ़ के सूरजपुर (Surajpur) में रेत का अवैध भंडारण (Illegal Sand Storage) कर तस्करी (Smuggling) की जा रही है. आरोप है कि सूरजपुर का रेत उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. मामले की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है. प्रतापपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पंपापुर के ग्रामीणों ने अम्बिकापुर (Ambikapur) निवासी एक व्यक्ति पर अवैध रेत भंडारण करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत प्रतापपुर एसडीएम से भी की थी. कार्रवाई नहीं होने से रेत तस्कर के हौसले और बुलंद हैं. अब रेत ट्रक के माध्यम से यूपी भेजा जा रहा है.
रेत तस्कर को है राजनैतिक संरक्षण प्राप्त-ग्रामीण
मामला प्रतापपुर विकासखंड से महान-2 स्थित बलरामपुर और सूरजपुर जिला के सीमावर्ती गांव का है. ग्रामीणों ने बताया कि अम्बिकापुर निवासी एक व्यक्ति ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में अवैध तरीके से रेत उत्खनन कराकर भंडारण कर लिया है. उसने शासन के सख्त निर्देश को धत्ता बताते हुए नदी से रेत का अवैध उत्खनन किया. अब मुख्य मार्ग किनारे खेत के पीछे भंडारण किए हुए रेत को ट्रक के माध्यम से यूपी भेजा जा रहा है. ग्राम पंपापुर के लोगों का आरोप है कि रेत का अवैध उत्खनन करने वाले व्यक्ति को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है. विरोध करने पर लोगों को शांत करा दिया जाता है. लोगों का कहना है कि दिन में मजदूरों के माध्यम से और रात में मशीनें लगाकर रेत उत्खनन कर भंडारण किया गया है.
पुलिस- खनिज अधिकारियों के बीच है मिलीभगत
सूरजपुर जिले के भैंसामुड़ा, महान नदी सहित पूरे क्षेत्र में तस्कर मोटी रकम देकर अवैध बालू चोरी और भंडारण किया है. उन्होंने प्रतापपुर पुलिस और खनिज अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि बालू की तस्करी से शासन को महीने में करोड़ों रुपए की रॉयल्टी का चूना लग रहा है. पुलिस और खनिज अधिकारियों के बीच मोटी रकम का बंटवारा हो रहा है. मामले में खनिज निरीक्षक गोपाल दास टंडन ने कहा कि ग्राम पंपापुर में खनिज विभाग की तरफ से रेत उत्खनन और भंडारण की अनुमति नहीं दी गई है. मैं खुद भंडारण स्थल पर निरीक्षण कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा.