Surajpur News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से रूक-रूककर हो रही बारिश से कई किसानों के खेतों में पानी लग गया है और वे रोपाई की बोहनी कर खेती-बाड़ी के कार्य में जुट गए हैं. वहीं अधिकांश किसानों ने अल्प वर्षा के कारण अभी तक धान का रोपा लगाना शुरू भी नहीं किया है. किसानों का कहना है कि उनका थरहा अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है. साथ ही खेतों में भी अच्छे से पानी नहीं ठहरा है, जिसके कारण वे रोपाई की बोहनी नहीं कर सके हैं. उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने रोपाई शुरू कर दिया है, उनके खेतों के समीप बोरिंग सहित पानी की अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. इसके कारण वे खेतों में पंप के माध्यम से पानी डाल रोपाई शुरू कर दिए हैं.


जिले के अधिकांश क्षेत्रों में अभी तक रोपाई शुरू नहीं हो सका है और किसान झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे हैं. ताकि खेतों में लबालब पानी भर जाए और उन्हें रोपाई में किसी प्रकार के दिक्कतों का सामना न करना पड़े. जहां-जहां धान की रोपाई शुरू हो गई है, वहां खेतों में हरियाली दिखाई दे रही है और खेतों को देख मन प्रफुल्लित हो उठ रहा है. खेतों की हरियाली के कारण मौसम खुशनुमा हो जा रहा है. 


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गौरतलब है कि जिले में इस वर्ष मानसून के देर से पहुंचने के कारण पूरे जिले में खेती-बाड़ी का कार्य प्रभावित हो गया है. किसानों का कहना है कि वे खेती में लगभग एक पखवाड़ा पिछड़ गए हैं. देर से मानसून पहुंचने के कारण लगातार हुए बारिश के कारण खेतों में ज्यादा नमीं हो गई थी. इसके कारण कई किसान खेतों में नमी कम होने का इंतजार कर रहे थे. इसके कारण थरहा देर से खेतों में लगा और अब उन्हें तैयार होने में समय लग रहा है और अल्प वर्षा के कारण रोपाई प्रभावित हो गया है. किसानों का कहना है कि जल्द ही जिले में अच्छी बारिश नहीं हुई और खेतों में लबालब पानी नहीं भरा तो वे खेती में और पिछड़ जाएंगे और धान का उत्पादन भी प्रभावित होगा.


दलहन-तिलहन की शुरू की बुआई


जिले में अब तक हुए अल्प वर्षा के कारण अधिकांश किसानों ने धान के फसल की रोपाई शुरू नहीं की है और वे खेती के अन्य कार्यों में जुटे हुए हैं. किसानों का कहना है कि वे अभी मूंगफली, अरहर, बेतरी, उड़द दाल, तिल सहित अन्य दलहन व तिलहन के फसलों के अलावा लकड़ा, धान की सूखी बोनी कर रहे हैं. वहीं हल व ट्रैक्टर के माध्यम से खेतों की जुताई भी कर रहे हैं, ताकि खेतों में जल्दी पानी ठहर सके और वे धान की रोपाई शुरू कर सकें.


खाद-बीज के लिए लगने लगी लाइन


आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में खाद इत्यादि के लिए किसानों ने मशक्कत करनी प्रारंभ कर दी है. वहीं किसानों ने खाद के लिए समितियों में डेरा डाल दिया है. जिले की विभिन्न समितियों में प्रति दिन बड़ी संख्या में किसान खाद के लिए पहुंच रहे हैं.