सरगुजा संभाग हाथियों के लिए महफूज ठिकाना बन गया है. अपने महफूज ठिकानों से अक्सर हाथी खाने की तलाश में गांव और बस्तियों के आस पास पहुंच जाते हैं. फिर ये खेत, माकान के साथ इंसान की भी जान लेने पर उतारू हो जाते हैं. ऐसा ही संभाग के सूरजपुर जिले में हुआ जहां के सूरजपुर वन मंडल में फिर एक बार हाथी ने एक उप-सरपंच की जान ले ली है. जिसके बाद इलाके के ग्रामीण हाथियों की दहशत के बीच वन विभाग की कार्यप्रणाली पर काफी नाराज हैं.


मृतक सूरजपुर के पोडिपा गांव के रहने वाले हैं और वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक ये वही अकेला हाथी है जिसने एक दिन पहले अम्बिकापुर से लगे भकुरा के आश्रित ग्राम नवापारा में भी एक वृद्द को मार डाला था.


जानकारी के मुताबिक सरगुजा के सूरजपुर वन मंडल के पोडिपा गांव निवासी 55 वर्षीय मृतक समरसाय सोमवार को सूरज ढलने के बाद अपने खेत में धान काट रहा था. तभी सरगुजा और जशपुर की सरहद मे डेरा जमाए हाथियों के दल से भटका हाथी कल्याणपुर जंगल से होते हुए पोडिपा गांव के पास पहुंच गया और जंगल के किनारे खेत में धान काट रहे समरसाय पर हमला कर दिया. जिससे समरसाय की मौके पर ही मौत हो गई.


इस दर्दनाक मौत के बाद गांव के लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि वन विभाग का अमले ने हर बार कि तरह इस बार भी हाथी के आस पास होने की सूचना नहीं दी. जिसकी वजह से समरसाय की असमय मौत हो गई है. इतना ही नहीं इस हाथी ने पास के ही खेत में काम कर रहे दो अन्य किसानो को दौड़ा कर मारने की कोशिश में था. लेकिन उन दो लोगों ने भाग कर किसी तरह अपनी जान बचा ली. इधर इस घटना के बाद वन विभाग ने मृतक के परिजनों ने मुआवजे की राशि से तात्कालिक सहायता राशि दे दी है. शव का पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनो को सौंप दिया गया है. अब पोस्टमार्टम औऱ अंतिम संस्कार के बाद समूचे गांव मे मातम सा पसरा हुआ है.


क्षेत्र के जनपद सदस्य किमलेश सिंह ने बताया कि मृतक समरसाय किसान होने के साथ गांव के वार्ड पंच थे. जब हमको सूचना मिली कि वार्ड पंच सुखसाय से ये सूचना मिली की समरसाय को हाथी ने कुचल दिया है. घटना स्थल पर पहुंचने के बाद शव देखने के बाद ये लगा कि हाथी भयानक खरतरनाक है. ग्रामीणों औऱ खुद क्षेत्र के जनपद सदस्य के मुताबिक पहले इलाके में हाथी आने की सूचना अक्सर वन विभाग के अधिकारी गांव तक पहुंचा दिया करते थे. जिससे गांव के लोग अलर्ट हो जाते थे. लेकिन पिछले कुछ सालो से वन विभाग इसकी सूचना नहीं देते हैं. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने इलाके के रेंजर अच्छेलाल कारपेंटर पर ये आऱोप लगाया है कि जब से उनकी पदस्थापना हुई है तब से वन विभाग द्वारा कोई सूचना नहीं मिलती है. साथ ही जनपद सदस्य ने कहा कि इस मामले की शिकायत डीएफओ से तो कर दी गई है. आने वाले समय इसकी सूचना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी की जाएगी. जिससे फिर किसी की जान ऐसे ना सके. 


महंगाई को लेकर छत्तीसगढ़ में पदयात्रा निकालेगी कांग्रेस, बीजेपी बोली- पेट्रोल से वैट कब कम करोगे?


Chhattisgarh News: मृत्यु भोज खाकर आई जान पर आफत, बालोद में फूड प्वाइजनिंग से 49 लोगों की हालत खराब