Surguja News: छत्तीसगढ़ में सूरजपुर (Surajpur) जिले के प्रेमनगर वन परिक्षेत्र से सरगुजा जिले के उदयपुर वन परीक्षेत्र में पहुंचा 11 हाथियों का दल पिछले 20 सितंबर से अलग-अलग गांव में उत्पात मचा रहा है. वन विभाग (Forest Department) हाथियों की निगरानी तो कर रहा है, इसके बावजूद भी फसल और घरों की क्षति नहीं रुक रही है. बीती रात हाथियों के दल ने ग्राम रामनगर बेवरापारा पंडो बस्ती में जवाहर पंडो, रंगलाल पंडों के घर को बुरी तरह तहस-नहस कर दिया. घर के अंदर रखे सामान का भी काफी नुकसान हुआ है. अब परिवार के पास खाने के लिए एक मुट्ठी तक चावल नहीं बचा है. हाथियों ने घर में रखे बर्तन, कपड़े, मुर्गी और अन्य सामानों को भी रौंदकर नुकसान पहुंचाया है.
किया गया दूसरे मोहल्ले में शिफ्ट
इसके अलावा मानकुंवर पंडों के बाड़ी और बाउंड्री को नुकसान पहुंचाया है. हाथी क्षेत्र के दर्जनों किसानों के फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. वन विभाग द्वारा हाथियों के आगमन की सूचना पर रात में बस्ती के लोगों को आनन-फानन में दूसरे मोहल्ला में शिफ्ट कराया गया. इसी दौरान जीतन पंडो का परिवार गहरी नींद में सो रहा था. उन्हें काफी मशक्कत के बाद भी घर से नहीं निकाला जा सका क्योंकि घर के चारों तरफ हाथियों का झुंड भ्रमण कर रहा था, लेकिन गनीमत रही कि हाथियों के झुंड ने परिवार को नुकसान नहीं पहुंचाया और वहां से दूर निकल गए.
रात भर जागती रही वन विभाग टीम
रिहायशी क्षेत्र में हाथी के घुसने से गांव वालों और वन विभाग की टीम पूरे रात भर रतजगा करते रहे और मकान क्षति हुए परिवार के समस्या को देखते हुए तत्काल व्यवस्था में पंचायत द्वारा राशन इत्यादि का सहयोग दिया गया. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग किया है कि हाथियों के विषय पर गहन चिंतन करते हुए क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की कोशिश करें. बता दें कि इन हाथियों ने अब तक उदयपुर इलाके में 12 हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा 12 दिन के अंदर दर्जन से ज्यादा मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है.
करना पड़ेगा और परेशानी का सामना
वन विभाग की टीम हाथियों पर निगरानी तो रख रही है लेकिन उनपर नियंत्रण नहीं रख पा रही है. यही वजह है कि हाथियों का दल जंगल के किनारे बसे बस्ती में घुसकर घरों को नुकसान पहुंचाते हुए फसलों को चौपट कर रहा है. इससे आने वाले समय में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अभी वर्तमान में वन विभाग की टीम जिन इलाकों में हाथी विचरण कर रहा है उन क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित आंगनबाड़ी, स्कूल और सामुदायिक भवनों में शिफ्ट कर रही है ताकि हाथी से कोई जनहानि ना हो लेकिन हाथी फसलों को नुकसान पहुंचाकर ग्रामीणों के रोजी-रोटी पर असर डाल रहे हैं.
दहशत में जीने को मजबूर ग्रामीण
उदयपुर इलाके में हाथियों की वजह से हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि यह दल जिस ओर बढ़ता है वहां की बस्ती को शाम होते ही खाली करना पड़ जाता है. लोगों को किसी सरकारी पक्के मकान में शरण लेना पड़ता है. लगातार हाथियों के घर तोड़ने और फसलों को रौंद देने का सिलसिला जारी है. इससे ग्रामीण चिंतित होने के साथ-साथ दहशत में जीने को मजबूर हैं. वन विभाग हाथियों से मकान और फसलों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.