Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में चांदनी-बिहारपुर के जंगलों में हरा सोना (तेंदूपत्ता) संग्रहण करने पौ फटते ही जंगलों की ओर रुख कर रहे हैं. पत्ते की तोड़ाई करने के बाद दोपहर में गड्डी बना शाम को फड़ में बिक्री के लिए भी पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी तक क्षेत्र में अधिकारिक रूप से तेंदूपत्ता की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. 


गौरतलब है कि क्षेत्र में बड़ी संख्या में तेंदूपत्ता के पौधे हैं. घर के सभी सदस्य तेंदूपत्ता का संग्रहण करते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों ग्राम के लोगों के द्वारा जंगल में जाकर सुबह से दोपहर करीब 12 बजे तक तेंदूपत्ता तोड़ते हैं और अच्छी आमदनी कमाते हैं. तेंदूपत्ता तोड़कर लौटने के उपरांत ग्रामीण दोपहर में इन पत्तों की गड्डी बनाते हैं और शाम को निर्धारित फड़ में बिक्री करते हैं.


दूर-दराज जाकर कर रहे हैं तेंदूपत्ता का संग्रहण 
उधर दूसरी ओर शासन द्वारा प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता का दाम बढ़ाये जाने से इस बार ग्रामीणों में उत्साह है और वे ज्यादा से ज्यादा तेंदूपत्ता तोड़ बिक्री करने की कवायद में जुटे हुए हैं, लोग मोटरसाइकिल व अन्य वाहनों के माध्यम से दूरदराज जाकर तेंदूपत्ता का संग्रहण कर रहे हैं. क्षेत्र के ग्राम पंचायत निम्हा, पोतका खुटिया, लैंगा, उदयपुर ब्लॉक के कलचा, बरपारा, जामडीह, खम्हरिया, नुनेरा, नमना, शंकरपुर, प्रेम नगर छेत्र के महंगई, नवापारा खुर्द, कालीपुर, दुगापुर, पखनापारा, दुर्गापुर सहित अन्य कई ग्राम के ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्रहण कर रहे हैं.


संग्रहण करने का यह है वजह 
गौरतलब है कि हरा सोने के नाम से प्रसिद्ध तेंदूपत्ता का संग्रहण सीजन में महगंई क्षेत्र के ग्रामीण भारी मात्रा में रखते हैं. तेंदूपत्ता संग्रहण से ग्रामीणों को अच्छी खासी आमदनी भी होती है. वहीं इस सीजन में प्रदेश की सरकार ने पीएम मोदी की गारंटी में प्रति मानक बोरा 5500 रुपये पारिश्रमिक देने से संग्राहकों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि तेंदूपत्ता संग्रहण शुरू होने का ग्रामीणों को बेसब्री से इंतजार रहता है. प्रति मानक बोरा की दर में बढ़ोतरी होने से आदिवासी अंचल के ग्रामीण खुश हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है.


क्षेत्र में खरीदी शुरू न होने से एमपी में कर रहे बिक्री
सूरजपुर जिले के बिहारपुर वन परिक्षेत्र में खराब मौसम के कारण तेंदूपत्ता खरीदी शुरू न होने के कारण गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में बड़ी संख्या में क्षेत्र सहित सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश के ग्रामीण तेंदूपत्ता की तोड़ाई कर एमपी में बिक्री कर रहे हैं. वन परिक्षेत्र बिहारपुर अंतर्गत लाट नंबर 913 ब के विभिन्न जंगलों से लाट नंबर 913 अ के विभिन्न गांव के संग्रहको द्वारा तेंदूपत्ता का संग्रहण करने से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी नाराजगी है.


ग्रामीण फंड मुंशी एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पार्क परिक्षेत्र रिहंद महुली रेंजर ललित साय पैकरा को ज्ञापन सौंप कर जंगल से दो पहिया एवं चार पहिया वाहन को नाकेबंदी करने की मांग की है.


शाख कतरन न होने से उपज में आयी कमी
ग्रामीणों ने बताया कि विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष शाख कतरन न होने से तेंदूपत्ता की उपज कम हुई है और उन्हें पत्ता तोड़ने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. वे दूर-दराज के जंगल तक तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जा रहे हैं. संग्राहकों का कहना है कि सीजन में अगर विभागीय अमले के द्वारा शाख कतरन कराया गया होता तो उपज अच्छी होने की उम्मीद थी.


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