Surguja News: अंबिकापुर शहर के 4 नामी निजी स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है. मामला हाईकोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए ज्यादा शुल्क वसूली का है. सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर में संचालित ज्यादा बड़े निजी स्कूल प्रबंधन ने ट्यूशन फीस के अलावा कंप्यूटर, उद्यान, खेलकूद सहित अलग-अलग मद में निर्धारित पूरी शुल्क की वसूली कर ली. आरोप है कि फीस नहीं देनेवाले बच्चों के स्कूलों ने परीक्षा परिणाम रोक दिए. हद तो तब हो गई जब एक स्कूल प्रबंधन ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया.


निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सख्त हुआ प्रशासन


मामला संज्ञान में आने के बाद सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने मनमानी फीस वसूली करनेवाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया. जिला शिक्षा अधिकारी ने शुल्क वसूली की जांच लेखाधिकारी से कराई. अंबिकापुर शहर के बड़े नामचीन स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर मंगाया गया और छात्रों की संख्या के अनुरूप आंकड़ा निकाला गया. सत्र 2021-22 में संबंधित स्कूलों की शुल्क वसूली की जानकारी सामने आई.


जांच में सामने आया कि अंबिकापुर शहर में संचालित कार्मेल कान्वेंट स्कूल, होलीक्रास कान्वेंट स्कूल, ओरियन्टल पब्लिक स्कूल और मोंटफोर्ट हायर सेकंडरी स्कूल ने हाईकोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए शिक्षा सत्र 2021-22 में शिक्षण शुल्क के अलावा साढ़े चार करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल कर ली है.


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आंकड़े में आनेवाले अंतर की राशि संबंधित स्कूलों से रिकवरी कर बच्चों के खाते में वापस की जाएगी. फीस वापस नहीं करनेवाले निजी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी नोटिस जारी कर जवाब मांगेंगे. जवाब नहीं मिलने पर हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन माना जाएगा और राज्य सरकार को निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाएगी.


बता दें कि कोरोना काल के दौरान हाइकोर्ट का आदेश था कि निजी शिक्षण संस्थान, शिक्षण शुल्क के अलावा कोई भी अतिरिक्त मद में शुल्क वसूली न करें. शिक्षा सत्र 2020-21 और 2021-22 के लिए नियम लागू था लेकिन अंबिकापुर के कुछ निजी शिक्षण संस्थानों ने नियम का पालन नहीं किया. शिक्षा सत्र 2020-21 में तो सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूल किया गया लेकिन वर्ष 2021-22 में चारों स्कूलों ने सभी मदों में शुल्क की वसूली कर ली. चारों स्कूलों की अभिभावकों की तरफ से लगातार शिकायत आने के बाद जांच में निर्धारित शुल्क से अधिक की राशि लेना प्रमाणित पाया गया है.


सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ ज्यादा फीस लेने की शिकायत प्राप्त हुई थी. अभिभावक संघ ने बताया था कि कोरोना काल में एकेडमिक के अलावा बहुत सारे मद का फीस लिया गया है. ऑनलाइन क्लासेस मद की जरूरत नहीं थी. अभिभावक संघ के पक्ष में हाईकोर्ट का निर्देश भी आया था. कोरोना काल में पिछले साल फीस वसूली के लिए कमेटी बनाई थी, कमेटी ने रिपोर्ट में पाया है कि जिले में नामचीन प्राइवेट स्कूलों ने ज्यादा फीस लिया है.


नोटिस जारी कर ज्यादा फीस को लौटाने का निर्देश जारी


जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से आज सभी को नोटिस जारी कर बताया जा रहा है कि ली हुई ज्यादा फीस को अभिभावकों के खाते में ट्रांसफर करें. एक सप्ताह में जिला शिक्षा कार्यालय के माध्यम से पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें. ऐसा नहीं होने पर माना जाएगा कि उच्च न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन है. अंत में मनमानी करनेवाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


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