Surguja News: नकल करने का नया तरीका, कॉलेज एग्जाम में 13 दिन के भीतर पकड़ाए सौ नकलची, परीक्षार्थियों के छूट रहे पसीने
Surguja News: गहिरा गुरु विश्वविद्यालय की परीक्षा 14 मार्च से शुरू हुई है. इस बार 52 केंद्रों में 35 हजार परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. पहले तक 25 से 30 हजार परीक्षार्थी ही शामिल होते थे.
Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षा में घर बैठ पुस्तक खोलकर पर्चा हल करने और शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण इस बार ऑफलाइन परीक्षा में कॉलेज परीक्षार्थियों के पसीने छूट रहे हैं. संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय की परीक्षा आरंभ हुए 13 दिन बीत चुके हैं और अभी तक लगभग 90 से 100 नकल करने के मामले दर्ज किए जा चुके हैं. संत गहिरा गुरू विवि के कुलसचिव प्रो. विनोद एक्का ने बताया कि अभी तक साइंस और कॉमर्स की परीक्षा में सर्वाधिक नकल के मामले दर्ज किए गए हैं. नकल करने वालों में इस बार छात्राओं की संख्या अधिक है. उन्होंने बताया कि विवि के अधीन संचालित 52 महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है. उड़नदस्ता दल के द्वारा लगातार परीक्षाओं का निरीक्षण करते हुए नकल प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं. उड़नदस्ता दल की छापेमारी से परीक्षार्थियों में हड़कंप भी है.
विश्वविद्यालय द्वारा गठित उड़नदस्ता दल के प्रभारियों का कहना है कि परीक्षाओं में कागज के अलावा पहने कपड़ों में भी उत्तर लिखकर कुछ विद्यार्थी ला रहे हैं. जांच के दौरान बड़ी संख्या में नकलची पकड़े जा रहे हैं. कुलसचिव का कहना है कि कोरोना काल में महाविद्यालयीन परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जा रही थीं, मगर इस बार संक्रमण की सामान्य स्थिति के साथ ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही है. परीक्षा में नकल प्रकरण भी दर्ज हो रहे हैं.
हो रही ऑफलाइन परीक्षा
गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा अम्बिकापुर की वार्षिक परीक्षा 14 मार्च से शुरू हुई है. इस बार 52 परीक्षा केंद्रों में 35 हजार परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. इसमें नियमित और स्वाध्यायी दोनों परीक्षार्थी शामिल हैं. तीन पालियों में होने वाली परीक्षा में पहली बार सर्वाधिक परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. इसके पहले तक 25 से 30 हजार परीक्षार्थी ही शामिल होते थे. कोरोना काल के बाद पहली बार ऑफलाइन परीक्षा आयोजित हुई है.
इस दिन समाप्त हो जाएगी परीक्षा
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा इस वर्ष मई के पहले सप्ताह में ही समाप्त हो जाएगी. ज्यादातर कक्षाओं की परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ही समाप्त होगी. स्नातकोत्तर के कुछ विषयों की परीक्षाएं मई के पहले सप्ताह में होंगी. विश्वविद्यालय प्रबंधन का प्रयास है कि समय पर परीक्षा समाप्त हो जाने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी तेजी से पूर्ण कराया जाए ताकि परीक्षा परिणाम घोषित करने में विलंब न हो.
परीक्षा मई के पहले सप्ताह में संपन्न हो जाने से परिणाम भी जल्दी घोषित हो सकेंगे, इससे नए सत्र की शुरुआत भी समय से हो सकेगी. परीक्षा विलंब से समाप्त होने की स्थिति में परिणाम भी देरी से आने के कारण अकादमिक सत्र आरंभ करने में भी विलंब होता है, जिससे समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण करने में दिक्कत होती है.