Surguja News: सरगुजा (Surguja) जिले के अम्बिकापुर (Ambikapur) में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आपातकालीन विभाग में न तो विभागाध्यक्ष बैठ रहे हैं, और न ही सीनियर डॉक्टर. सरगुजा संभाग के विभिन्न इलाकों से आने वाले गंभीर मरीजों के इलाज के लिए एमबीबीएम डॉक्टर जुझते रहते हैं. कई बार ऐसे मरीज भी आते हैं, जिनके लिए तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श की आवश्यकता पड़ती है, मगर उनके उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें फोन कर बुलाया जाता है और जब तक विशेषज्ञ डॉक्टर पहुंचते हैं. तब तक मरीजों की सांसे भी थम जाती है. वहीं अवकाश के दिनों में तो स्वास्थ्य सुविधा और भी बदहाल हो जाती है.


गणेश चतुर्थी के अवकाश के दिन आपातकाल विभाग में केवल एमबीबीएस डॉक्टर सेवा दे रहे थे, जबकि स्ट्रेचर और बेड में दुर्घटना से गंभीर मरीज कराह रहे थे. उपलब्ध डॉक्टरों के द्वारा स्वास्थ्य जांच करते हुए तत्काल मरीज को आवश्यकता के अनुरूप आईसीयू और वॉर्डों में शिप्ट कराया गया. अवकाश का दिन होने के कारण ओपीडी भी बंद थी और विशेषज्ञ डॉक्टर अपने-अपने विभाग के वॉर्डों का राउंड कर लौट चुके थे. ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के लिए फोन कॉल पर इंतजार करना पड़ा. ड्यूटी में मौजूद स्टाफ नर्सों के द्वारा जब इमरजेंसी फोन काल किया गया तब डॉक्टर पहुंचे. 


 मरीजों के इलाज करते हैं
ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के आने में लगभग आधे घंटे से अधिक का विलंब हुआ, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. अवकाश के दिनों में ओपीडी बंद होने के कारण गरीब और गंभीर मरीजों के लिए एक मात्र सहारा आपातकाल विभाग ही होता है, जहां एमबीबीएस, जुनियर डॉक्टर मरीजों के इलाज में जुझते रहते हैं. सीनियर डॉक्टरों के नहीं होने के कारण कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है. मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग में अवकाश के दिनों में मरीजों की भीड़ काफी होती है. 


दवा के लिए भी घंटो मशक्कत
इससे दवा के एक काउंटर में भी मरीजों का दबाव काफी बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में मरीजों को दवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. मरीजों और परिजनों के द्वारा अस्पताल प्रबंधन से आपातकालीन विभाग में अवकाश के दिनों में दवा वितरण के लिए वैकल्पिक काउंटर खोले जाने की मांग की है. इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या ने बताया कि आपातकालीन विभाग में जरूरत पड़ने पर जुनियर डॉक्टरों के द्वारा तत्काल सीनियर डॉक्टरों को फोन कर बुलाया जाता है. 


उन्होंने बताया कि लाइनअप मैनेजमेंट के कारण मरीजों को परेशानी नहीं होती है. उन्होंने बताया कि कैजुअल्टी से मरीजों को आवश्यकता के अनुरूप वार्डों में शिफ्ट किया जाता है और वार्डों से जरूरत के अनुसार मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह मिलती है.


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