Surguja News: बीजेपी विधायक के भाई पर DSP को धमकी देने का आरोप, कांग्रेस नेता TS सिंहदेव ने बोला हमला
Chhattisgarh: पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने वीडियो बयान जारी कर कहा कि एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति लखनपुर थाने में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है.
Chhattisgarh News: सरगुजा (Surguja) जिले के लखनपुर थाने के अंदर सोमवार की रात जमकर बवाल हुआ. अम्बिकापुर से बीजेपी विधायक राजेश अग्रवाल के भाई विजय अग्रवाल पर लखनपुर थाना प्रभारी ट्रेनी डीएसपी शुभम तिवारी को धमकी देने का आरोप है. वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी एस सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है.
पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने वीडियो बयान जारी कर कहा कि एक वायरल वीडियो में एक व्यक्ति लखनपुर थाने में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है. दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. टीएस सिंहदेव ने आगे कहा, "यह देख कर दुख हुआ कि, प्रशासन की व्यवस्था लोग अपने हाथ में लेना चाह रहे हैं, जिससे कानून की स्थिति बिगड़ती है और लॉ एंड आर्डर को कायम रखने में मुश्किल होती है."
उन्होंने कहा, "ये कैसे हुआ, क्यों हुआ और क्या ऐसा होना चाहिए, यह मैं नागरिकों के विवेक पर छोड़ता हूं. नागरिकों को लखनपुर थाना का वीडियो देखना चाहिए और सोचना चाहिये कि इस मामले में कैसे शासन और प्रशासन को कदम उठाना चाहिये. पूरी घटना दुर्भाग्यजनक है. ऐसा नहीं होना चाहिये और सबको संयम रखकर व्यवहार करना चाहिये."
विधायक के भाई ने डीएसपी को दी धमकी
बता दें कि, कुछ दिन पहले लखनपुर थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी शुभम तिवारी ने एसईसीएल के अमेरा खदान में हुई डकैती के मामले में चार ग्रामीणों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में ग्रामीणों और विधायक राजेश अग्रवाल के भाई विजय अग्रवाल सोमवार को लखनपुर थाना पहुंचे और पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को फंसाने का आरोप लगाया. इसी बात को लेकर थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी शुभम तिवारी और विधायक के भाई विजय अग्रवाल के बीच बहस जैसी बातचीत हुई. इसी दौरान विधायिक के भाई ने थाना प्रभारी को देख लेने की धमकी दे दी.
वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जैसे ही धमकी वाला ये वीडियो वायरल हुआ, उसके कुछ देर बाद लखनपुर थाना के प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी शुभम तिवारी को वहां से हटाकर नए थाना प्रभारी मनोज प्रजापति को लखनपुर थाने का प्रभार दिया गया. वहीं इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस, बीजेपी सरकार पर पूरी तरह से हमलावर हो गई है. सरगुजा कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है.
कांग्रेस नेताओं ने सरगुजा में बढते अपराध BJP को घेरा
सरगुजा संभाग में बढते अपराध और जनप्रतिनिधियों के रसूखदार रिश्तेदारों के द्वारा अपराधियों के पक्ष में प्रशासन और पुलिस पर बनायए जा रहे दबाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालकृष्ण पाठक, अजय अग्रवाल, जेपी श्रीवास्तव, शफी अहमद, द्वितेन्द्र मिश्रा, डॉ अजय तिर्की, राकेश गुप्ता, हेमंत सिन्हा और विनय शर्मा ने संयुक्त बयान जारी किया. इन नेताओं ने कहा कि बीजेपी की सरकार आने के साथ ही अचानक से सरगुजा संभाग में आपराधिक घटनाओं की बाढ़ आ गई है.
सरगुजा कांग्रेस के नेताओं ने आगे कहा कि, जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार पुलिस के इमानदार अधिकारियों पर अपराधियों के खिलाफ की जा रही कारवाई के विरोध में निर्लज्जता से खुलेआम दबाव बना रहे हैं और रातों रात उनके तबादले करवा रहे हैं. आम लोगों को ये डर लगा रहता है कि कब किधर से युवाओं का गैंग उनपर हमले कर दे, या पेट्रोल बम फेंक दे. नागरिक भयक्रांत हैं अपने नौनिहालों को लेकर कि कहीं कोई अपराधी फिरौती के लिए उनका अपहरण कर प्रतापपुर जैसी घटना को अंजाम न दे दें.
कांग्रेस नेता बोले- चारों ओर दहशत का माहौल
सरगुजा कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि लोग भयभीत हैं कि कहीं कोई अपराधी घर में अकेले बैठी महिला पर गोली न चला दें. लोगों की आम दिनचर्या में भय व्याप्त हो गया कि कहीं कोई गैंग राह चलते उनपर हमला न कर दे. प्रशासन और कानून तो वही है जो बीजेपी के शासन में आने के पहले मौजूद था. फिर अचानक से बीजेपी के शासन में आने के बाद ऐसा क्या हुआ कि चारों ओर दहशत का माहौल है.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि, क्या लखनपुर थाने में जो हुआ वो इस प्रकार के तथ्य नहीं है कि एक कर्तव्य परायण अधिकारी को उसकी ड्यूटी करने पर जनप्रतिनिधी के रिश्तेदार उस अधिकारी के साथ गाली-गलौज करते हैं और अपराधियों को छोड़ने का दबाव बनाते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रतापपुर में एक मासूम की फिरौती और हत्याकांड में शामिल व्यक्ति के तथाकथित रुप से सोसल मीडिया पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर पता चलता है कि वो सत्ताधारी दल के युवा संगठन से जुड़ा हुआ है. लखनपुर कांड में जनप्रतिनिधी के रिश्तेदार जिन लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, बताया जा रहा है कि वे उनके ही कर्मचारी हैं और कोयला चोरी का काम करते हैं. ये वे तथ्य हैं जो बताते हैं कि सत्ताधारी दल के लोग ही अपराध को संरक्षण दे रहे हैं.
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