Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक आदिवासी युवती ने अपने ही गांव के एक युवक पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया है. युवती के अनुसार पिछले छह साल से युवक और उसका प्रेम संबंध था. इस बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने और उसने एक महीने पहले एक बच्चे को जन्म दिया है. युवती का आरोप है कि अब युवक उसे अपने साथ रखने से मना कर रहा है. इस मसले को लेकर गांव में पंचायत भी बुलाई गई थी. जहां युवक ने युवती के बच्चे को अपना नहीं बताते हुए अपने साथ रखने से मना कर दिया. इसके बाद अब युवती ने अम्बिकापुर महिला थाना में आवेदन देकर उक्त युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है.
20 मई को दिया है बच्चे को जन्म
दरअसल, सीतापुर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने ग्राम बरबहला निवासी मेहूल गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उनके बीच पिछले 6 साल से प्रेम संबंध रहा है और इस बीच शादी का झांसा देकर युवक ने उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया. युवती ने बताया है कि मेहूल गुप्ता ने उसे छह महीने तक अम्बिकापुर के सुभाष नगर में समीर कॉलोनी में किराए के रूम में साथ रखा था. इस बीच वह गर्भवती थी और 20 मई को बच्चे को जन्म दिया. युवती ने मेहूल गुप्ता को बताया कि वह उसके बच्चे की मां बन गई है अब शादी कर लो. तो युवक ने ये कहते हुए मना कर दिया यह बच्चा उसका नहीं है और वह उसके साथ शादी नहीं करेगा.
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पुलिस पर लगाया है मिलीभगत का आरोप
इसके बाद 17 जुलाई को दोनों पक्षों की ओर से गांव में पंचायत बुलाई गई. जहां ग्रामवासी, पंच सहित युवती और युवक के परिजन उपस्थित हुए. यहां युवक के द्वारा युवती को अपने साथ रखने से मना कर दिया गया. युवती ने अम्बिकापुर के महिला थाना में दिए आवेदन में बताया कि 16 मार्च को मेहूल गुप्ता के साथ न्यायालय में नोटरी के माध्यम से विवाह किया गया है. इसके साथ ही युवती ने आरोप लगाया है कि उसे पता चला है कि युवक की शादी होने वाली है और वह अभी कुछ दिन पहले लड़की देखने गया था. इससे आहत युवती ने युवक के खिलाफ 19 जुलाई को महिला थाना में आवेदन दिया. यहां से आवेदन की पावती भी नहीं दी गई है. वहीं 23 जुलाई को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है. युवती ने पुलिस और युवक पक्ष के बीच सांठगांठ की आशंका भी जताई है.
महिला थाना प्रभारी दुर्गेश्वरी चौबे ने क्या कहा?
इस संबंध ने महिला थाना प्रभारी दुर्गेश्वरी चौबे ने बताया कि इस मामले को अजाक थाना में ट्रांसफर कर दिया गया है. युवती अजाक के तहत कार्रवाई चाह रही थी. महिला थाना में युवती से पूछा गया कि क्या चाहती हो तो युवती ने कहा कि थोड़ा सोचने के लिए समय चाहिए. युवक के साथ रहना चाहती हूं. अगर नहीं रखेगा तो कार्रवाई के लिए बताऊंगी. काउंसलिंग के प्रथा से केस को महिला थाने में रखा गया. इसके बाद दोनों पक्षों को बुलाया. दूसरा पक्ष का भी आवेदन आया है. इसके बाद दूसरे दिन युवती थाने आ गई और कहा कि उसे विश्वास नहीं है कि वो उसे रखेंगे, इसलिए अब केस चाहती हूं. चूंकि वो जनरल और वह आदिवासी है इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन लेकर मामले को अजाक थाना में भेज दिया गया. अब अजाक थाना में इस केस की जांच होगी.