Surguja Bridge News: ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार सड़क और पुलियों का निर्माण कराती है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से कभी-कभी लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. इसका उदाहरण सरगुजा जिले में देखने को मिल रहा है. यहां सरकारी सिस्टम के सुस्त रवैये से 7 साल बाद भी निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. यहां ठेकेदार की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्र के लोग परेशान हो रहे हैं और बरसात के दिनों में भी अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने पर मजबूर होते हैं.
दरअसल, सरगुजा (Sarguja) जिले के अम्बिकापुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम परसोड़ी कला में 6 करोड़ की राशि से नदी में बनने वाले पुल का निर्माण कार्य 2016 में शुरू किया गया है, जिसे 2023 मई महीने तक पूरा किया जाना है. लेकिन अब तक पुल का आधा कार्य भी पूर्ण नही हो सका है. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि इस पुल का निर्माण कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन ठेकेदार के धीमी रफ्तार से काम किए जाने की वजह से इस पुल का निर्माण कार्य पूरा होने में एक साल से भी अधिक समय लगने की संभावना जताई जा रही है. इधर नदी में पुल नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को जिला मुख्यालय (District headquarte) और जनपद मुख्यालय जाने के लिए कई किलोमीटर का लंबा सफर तय कर करना पड़ता है.
पुल के बिना करना पड़ रहा परेशानियों का सामना: ग्रामीण
ग्रामीण नंदधियारो बाई का कहना है कि पुल नहीं बनने से काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्हें नाव से नदी पार करना पड़ती है, इससे नदी में खतरा बना रहता है. हमारी मांग है कि जल्द से जल्द पुल निर्माण का कार्य पूरा किया जाए, ताकि लोगों को सुविधा मिल सके. एक और ग्रामीण सोनू ने बताया कि नदी में पुल नहीं बनने से बहुत ज्यादा समस्या होता है, कभी नदी में पानी भरा हुआ रहता है फिर भी पार करना पड़ता है और कभी-कभी नाव मिल जाती है तो उससे पार करते है. काफी दिनों से पुल बन रहा है लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका है, बहुत परेशानी है.
जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा पुल का कार्य: जिलाधिकारी
इस संबंध में सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि परसोड़ी कला में बनने वाले पुल की जानकारी ठेकेदार (contractor) और विभाग से ली जाएगी. जिसके बाद पुल का कार्य जल्द से जल्द कराने का प्रयास किया जाएगा. जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पुल का लाभ मिल सके. बहरहाल, इस क्षेत्र के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय सहित जनपद मुख्यालय जाने के लिए 50 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है. वहीं ग्रामीणो के लिए पुल बन जाने से 30 किलोमीटर का मुख्यालय का सफर तय करना पड़ेगा, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही की वजह से इस पुल के निर्माण का आधा कार्य भी पूरा नहीं किया जा सका है.
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