Ambikapur News: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का आरक्षण (Reservation of tribals in Chhattisgarh) घटाने का मामला गरमाया हुआ है. आरक्षण पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आदिवासी समाज भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel government) का विरोध कर रहा है. वहीं विपक्षी दल बीजेपी (BJP) भी आदिवासियों का समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर हमला बोलने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है. इसी क्रम में शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम (Former Union Minister Arvind Netam) एक दिवसीय दौरे पर सरगुजा (Surguja) पहुंचे. यहां उन्होंने सर्किट हाउस पर आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात कर बैठक ली.
समाप्त किया जा रहा सबसे बड़ा मुद्दा-नेताम
पूर्व केंद्रीय मंत्री नेताम ने पूर्व की बीजेपी सरकार (BJP government) और वर्तमान कांग्रेस सरकार (Congress government) पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि आदिवासियों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा इस सरकार में समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने सितंबर माह में पेसा कानून का नियम बनाया और नियम बनाकर पेसा कानून में जो मूल आदिवासी अधिकार हैं जैसे कि जल, जंगल, जमीन नियंत्रण का सुपर विजन समाप्त कर दिया.
किसी सरकार ने ऐसा निर्णय नहीं लिया-नेताम
नेताम ने आरक्षण पर कटौती के मुद्दे को लेकर कहा कि, हाईकोर्ट के द्वारा आरक्षण में कटौती कर दी गई है. एक हो माह में आदिवासी वर्ग के लिए दो-दो घटना हो जाना समझ से परे है. आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद अब तक किसी सरकार ने भी इस प्रकार का निर्णय नहीं लिया था. अरविंद नेताम ने इन दोनों बड़ी घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आदिवासी समाज पेसा कानून और आरक्षण के मुद्दे को लेकर 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण 32 में से 12 प्रतिशत की कटौती कर 20 प्रतिशत कर दी गई है. इसके बाद से आदिवासी समाज में सरकार के खिलाफ नाराजगी है.