Chhattisgarh Scam: युवक ने जब जमीन के दस्तावेज निकाले तो उड़ गए होश, जानिए क्या है मामला?
Surguja News: सरगुजा के रहने वाले मंतोष ने बताया कि गरीबी और अशिक्षा के कारण परिवार में जागरूकता की कमी थी. इससे जमीन संबंधी उनके पास कोई दस्तावेज नहीं था.
![Chhattisgarh Scam: युवक ने जब जमीन के दस्तावेज निकाले तो उड़ गए होश, जानिए क्या है मामला? Surguja Compensation Scam Young Man Took Land Documents Shocked Know ANN Chhattisgarh Scam: युवक ने जब जमीन के दस्तावेज निकाले तो उड़ गए होश, जानिए क्या है मामला?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/22/1e43831b3ed03324006e1fdea95581ed1677074010549650_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sarguja News: सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील अंतर्गत ग्राम परसा (Parsa) के घर व जमीन को छोड़ कोरबा (Korba) में रह रहे एक परिवार की भूमि परसा कोल खदान ( Parsa coal mine) के लिए अधिग्रहण कर ली गयी. इसके एवज में न सिर्फ किसी दूसरे को मुआवजा दे दिया गया, बल्कि परसा के कोल खदान में उसे नौकरी भी दे दी गई. जाति प्रमाण पत्र के लिए जमीन से संबंधी पुराने रिकॉर्ड निकलवाने जब पीड़ित परिवार का युवक पहुंचा अम्बिकापुर तब उसे इसका पता चला.
राजस्व विभाग की जानकारी मुआवजा और नौकरी की बात सुन वह चौंक गया. अब पीड़ित परिवार के युवक मंतोष कुमार यादव ने कलेक्टर के जनदर्शन में ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई है.
पिता के नाम पर थी 14 बीघा जमीन
मंतोष कुमार यादव ने बताया कि जब उन्होंने उदयपुर तहसील में पूछताछ की तो वहां बताया गया कि परसा में उनके पिता रामखिलावन अहीर के नाम पर लगभग 14 एकड़ भूमि थी.
परसा में कोल खदान के लिए भूमि अधिग्रहण के दायरे में उनकी भूमि भी आई थी और करीब 10-12 वर्ष पूर्व प्रति एकड़ लगभग 14 से 15 लाख रूपए की दर से मुआवजा का भी वितरण हुआ था. तहसील के कर्मचारियों ने जब मुआवजा मिलने के संबंध में जानकारी दी तो वह चौंक गया.
मंतोष ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की स्थिति में उनके परिवार को मुआवजा के नाम पर एक रूपए भी नहीं मिले और न ही किसी को नौकरी. मंतोष ने बताया कि तहसील से उन्हें यह जानकारी मिली कि उनकी जमीन पर किसी और ने अपना कब्जा बताते हुए लगभग एक करोड़ रूपए का मुआवजा और नौकरी दोनों हथिया लिया है. अब वे मुआवजा और नौकरी के लिए कलेक्टर के समक्ष गुहार लगा रहे हैं.
1970 से 80 के बीच परसा रहता था परिवार
कोरबा के ग्राम पोड़ी निवासी मंतोष कुमार यादव ने बताया कि वर्ष 1970-80 में उनका परिवार उदयपुर के ग्राम परसा में निवास करता था. परसा में उनके पिता रामखिलावन अहीर के नाम पर लगभग 14 एकड़ भूमि का पट्टा है. पिता बीमार थे. कोरबा में जड़ी बूटी से उनका इलाज चल रहा था. इससे उनका परिवार परसा के घर में ताला लगा कर कोरबा चला गया था.
बच्चों के लिए स्कूल में जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होने पर दस्तावेज निकलवाने वे हाल ही में अम्बिकापुर पहुंचे थे. यहां पर जब राजस्व रिकॉर्ड निकाला गया तब उन्हें पता चला के परसा में उनके पिता जी के नाम पर 14 एकड़ भूमि थी.
दस्तावेज के लिए भटक रहे थे 11 साल से
मंतोष कुमार यादव ने आरोप लगाया कि वर्ष 2011-12 में ग्राम परसा में कोयला खदान खुलने के दौरान उन्होंने भी मुआवजा के लिए पता किया था. उस दौरान राजस्व कर्मचारियों ने बताया था कि आपके पिता के नाम पर यहां कोई जमीन नहीं है. तुम जिस जमीन को अपना बता रहे हो, उस जमीन पर किसी और का नाम है.
मंतोष ने बताया कि गरीबी और अशिक्षा के कारण परिवार में जागरूकता की कमी थी. इससे जमीन संबंधी उनके पास कोई दस्तावेज नहीं था. उनकी जमीन पर किसी और का नाम होने जब पता चला तब उन्होंने पुराना रिकॉर्ड निकलवाने की काफी कोशिश की और पिछले 11 साल में कई बार तहसील और कलेक्ट्रेट का चक्कर लगाया.
लेकिन, जानकारी नहीं मिल पाई. हाल ही में उन्हें जमीन का पुराना दस्तावेज मिला. इसमें पिता रामखिलावन अहीर का नाम दर्ज है. इस दस्तावेज के आधार पर उन्होंने बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनवाया.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शंभू भद्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/fdff660856ace7ff9607d036f59e82bb.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)