Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में अजब गजब मामला सामने आया है. यहां बकरे के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. दोनों पक्षों का दावा था कि बकरा उनका है. इस मामले को लेकर पहले तो घर में विवाद हुआ, फिर बात मोहल्ले तक पहुंची. वहां भी बात नहीं बनी तो मामला पुलिस (Police) थाना में पहुंच गया. जहां पुलिसकर्मी दोनों पक्षों का विवाद सुलझाने में घंटों तक उलझे रहे, लेकिन काफी देर तक दिमाग खपाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकला. लेकिन अंत में पुलिस की एक तरकीब काम आ गई और घंटों से चल रहा विवाद शांत हो गया. बकरे को लेकर हो विवाद का पटाक्षेप हो गया.
क्या है मामला
दरअसल, सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के घुटरापारा मोहल्ला निवासी दो पड़ोसी आपस में भिड़ गए. राजू दास और प्रह्लाद नायक नाम के दो व्यक्ति के बीच बकरे के मालिकाना हक को लेकर झगड़ा हो गया. दोनों का कहना था कि ये बकरा उनका है. ज्यादा विवाद बढ़ता देख मोहल्ले के लोगों ने विवाद को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन वे दोनों किसी की सुनने को तैयार नहीं थे. दोनों का दावा अटल था कि ये बकरा उनका ही है. बात नहीं बनी तो दोनों काले रंग के बकरे को लेकर सीधे कोतवाली थाना अम्बिकापुर में पहुंच गए और पुलिस के सामने अपनी दलील दी.
कैसे सुलझा विवाद
इस मामले के संबंध में कोतवाली थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह ने बताया कि राजू दास और प्रह्लाद नायक काफी देर तक बकरे के मालिकाना हक को लेकर आपस में लड़ रहे थे. पुलिस जब दोनों को समझाने में विफल रही तो उसने बकरे की 'अम्मा' को थाने बुलवाया. इसके बाद राजू दास एक बकरी को लेकर थाने पहुंचा. बकरी को देखते ही जिस बकरे को लेकर विवाद हो रहा था वह बकरी के पास पहुंच गया. इसके बाद ये बात साफ हो गया की बकरा राजू का है. प्रह्लाद नायक को दोबारा विवाद न करने की चेतावनी दी गई है. बहरहाल एक बकरे की चोरी के मामले ने पहले पुलिस का सिर चकराया, लेकिन फिर पुलिस ने बड़ी ही सूझ बूझ से मामले को सुलझाया. जिससे यह मामला चर्चा का विषय बन गया है लोग पुलिस की तारीफ कर रहे है.
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