Surguja Crime News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Sarguja) जिले में मानवता को शर्मसार कर करने वाला मामला सामने आया है. कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र (Kamleshwarpur Police Station) में एक पिता ने अपनी 3 साल की मासूम बेटी की नाक पर मुक्का मारकर हत्या कर दी. यही नहीं इसके बाद शव का अंतिम संस्कार करने के बजाए पत्नी के साथ मिलकर नदी में फेंक दिया. साथ ही पुलिस थाने में पहुंचकर बच्ची के अपहरण होने की रिपोर्ट भी दर्ज करा दी.

 

इधर 3 साल की बच्ची के अपहरण होने की जानकारी मिलने पर पुलिस भी एक्टिव मोड पर आई और मामले की गंभीरता से जांच में जुट गई. इस दौरान गवाहों के कथन में कुछ ऐसी बातें सामने आईं, जो गुम बच्ची के माता-पिता की ओर से नहीं बताई गई थी. इस बात से संदेह होने पर पुलिस ने माता-पिता से कड़ाई से पूछताछ की, तब मामले का खुलासा हुआ. ग्राम केसरा पथरी निवासी प्रमोद माझी नाम के शख्स ने 16 अगस्त को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

 

सोने के दौरान गायब होने की कही थी बात

 

उसने रिपोर्ट में बताया था कि उसकी तीन साल की बेटी 15-16 अगस्त की मध्य रात में साथ में सोई थी. तभी से कहीं गायब हो गई है. उसने किसी व्यक्ति द्वारा उठाकर ले जाने की संभावना व्यक्त की थी. इस पर पुलिस ने तत्काल अपराध दर्ज कर जांच में जुट गई. इसके बाद से ही एएसपी विवेक शुक्ला, सीएसपी अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपी का पता तलाश किया जा रहा था. विवेचना के दौरान थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह और विशेष पुलिस टीम के द्वारा लगातार सघन पूछताछ बच्ची के परिजनों और गवाहों से की जा रही थी.

 


 

घुनघुट्टा नदी में फेंक दिया था शव

 

इसी बीच पुलिस को कुछ ऐसी बातें पता चलीं, जो बच्ची के माता-पिता ने पुलिस से छिपाई थी. इसके बाद पुलिस ने जब बच्ची के माता-पिता से सख्ती से पूछताछ की तो उसके पिता प्रमोद ने बताया कि वह और उसकी पत्नी बच्चों के साथ घर पर सोया हुआ था. उस दौरान बच्ची के बार-बार रोने को वजह से उसने गुस्से में आकर बालिका के नाक के पास मार दिया, जिससे बालिका की मौके पर मौत हो गई थी. फिर उसके शव को पत्नी के साथ ले जाकर पास में स्थित घुनघुट्टा नदी में फेंक दिया.

 

जेल भेजे गए दोनों आरोपी

 

इसके बाद पुलिस टीम ने नदी के दोनों ओर तलाश किया. तभी केसरा में दोमुहानी के पास नदी किनारे झाड़ी में फंसा हुआ बच्ची का शव बरामद हुआ. इस मामले में मृत बालिका के पिता प्रमोद माझी और सुमित्रा माझी के द्वारा अपराध घटना करना स्वीकार किया गया, जिसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201 आईपीसी के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया और उसके बाद फिर जेल भेज दिया गया है. इस कार्रवाई में कमलेश्वरपुर के थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह, एएसआई भूपेश सिंह, आरक्षक विकास, अमित विश्वकर्मा और विजय सक्रिय रहे.