(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Surguja News: आधा दर्जन घरों को ढहाने के बाद मैनपाट पहुंचा दल से बिछड़ा हाथी, इलाके में दहशत का माहौल
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लखनपुर और मैनपाट क्षेत्र में हाथियों के उत्पात से डर का माहौल है. इलाके के लोगों को वन विभाग ने हिदायत दी है कि वह हाथियों के करीब नहीं जाएं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लखनपुर और मैनपाट क्षेत्र में हाथियों के लंबे समय से विचरण और उत्पात से ग्रामीण सहमे हुए हैं. वन विभाग द्वारा हाथियों की समस्या दूर करने के नाम पर लोगों को सतर्क करने और उन्हें हाथियों के करीब नहीं जानें की हिदायत ही दी जा रही है. लखनपुर क्षेत्र के ग्राम बेंदोपानी सहित आधा दर्जन गांव दल से बिछड़े एक हाथी से सहम गया है. यहां शाम ढलते ही लोग घरों को छोड़ देते है.
हाथियों के गिर चुके हैं रेडियो कॉलर
हाथी के फिलहाल लखनपुर से दूर चले जाने से ग्रामीणों के साथ वन अमले ने भी थोड़ी राहत की सांस ली है, लेकिन हाथी के वापस लौट आने की आशंका अब भी बनी हुई है. लखनपुर क्षेत्र के बेंदोपानी में इस इकलौते हाथी ने पांच दिन तक भारी तबाही मचाई और लगभग एक दर्जन से भी अधिक ग्रामीणों के घरों को ढहा दिया है. लखनपुर और मैनपाट क्षेत्र में विचरण करने वाले गौतमी दल के एक हाथी में रेडियो कॉलर पूर्व में लगाया गया था. जो कहीं गिर गया है. सरगुजा में अधिकांश हाथियों के रेडियो कॉलर गिर चुके हैं और सैटेलाइट के माध्यम से हाथियों के दल के विचरण की मिलने वाली जानकारी अब नहीं मिल पा रही है.
सरगुजा वनमंडलाधिकारी पंकज कमल ने कहा कि हाथियों के स्वभाव में देखा गया है कि उन्हे जितना अधिक छेड़ा जाता है. वे उतने ही आक्रामक होते है. ग्रामीणों को लगातार यह हिदायत दी जा रही है कि वे हाथियों के करीब नहीं जाएं और ना ही उनसे कोई छेड़छाड़ करें. विभाग का मैदानी अमला लगातार हाथियों की निगरानी में जुटा हुआ है और हाथियों के गांव के निकट आने के पूर्व मुनादी भी कराई जा रही है. हाथियों का लोकेशन जानने के लिए बारिश के बाद कॉलरिंग कर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा.
शाम ढलते ही सुरक्षा की चिंता
मैनपाट वन परिक्षेत्र के डांडकेसरा में हाथियों का विचरण लंबे समय से जारी है. यहां रायगढ़ के कापू रेंज से कभी, कोई भी हाथी का दल आ धमकता है. वन विभाग का अमला हाथियों की निगरानी अवश्य करता है. जिससे लोग सतर्क हो जाते है. डांडकेसरा में तो महीने भर से अधिक समय से लोग शाम ढलने के बाद सुरक्षित स्थान पर चले जाते है.
लखनपुर क्षेत्र का बेंदोपानी गांव भी पिछले एक सप्ताह से मैनपाट के डांडकेसरा के समान हो गया है. हालांकि यहां सिर्फ एक हाथी ही है. जिसमें एक हफ्ते में आधा दर्जन से भी अधिक घरों को ढहा दिया. यहां वन विभाग द्वारा बाल श्रमिक आश्रम भवन में ग्रामीणों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है और शाम ढलते ही लोग यहां स्वयं चले आते है.