Surguja: सरगुजा में खेत पर काम कर रहे दो लोगों को हाथी ने कुचला, वन विभाग पर लगे लापरवाही के आरोप
Surguja Elephant Attack: सरगुजा के अंबिकापुर के गांव के लोग हाथियों के हमले से परेशान हैं. यहां हाथियों के गले में लगाई गई रेडियो कॉलर गायब हो गई जिससे उनका लोकेशन पता नहीं चल रहा.
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Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) के अम्बिकापुर (Ambikapur) में जंगली हाथियों ने दो लोगों को कुचलकर मार डाला. हाथियों (Elephants) ने परसा गांव के निवासी देवनारायण पैकरा (45 वर्ष) और करदोनी निवासी अमृत राम (50) को कुचलकर मार डाला है. ग्रामीण की मौत की खबर पर वन विभाग की टीम हाथियों का लोकेशन पता लगाने पहुंची थी कि इसी बीच उन्हें एक और ग्रामीण का शव नजर आया.
अम्बिकापुर शहर के नजदीक तीन जंगली हाथियों का दल ग्रामीणों को कुचल रहा है और लोगों के घरों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी हाथी प्रबंधन और उनके निगरानी के नाम पर कागजों में पेट्रोलिंग कर रहे हैं और जबकि जमीनी स्तर पर वन विभाग के मैदानी अमले को न तो हाथियों का लोकेशन ही पता होता है और न ही समय रहते किसी को सतर्क कर पाते हैं. इस घटना से ग्राम पंचायत परसा के ग्रामीणों में शोक और आक्रोश है. ग्राम बेजानकोना और परसा के ग्रामीणों का कहना है कि यदि वन विभाग की टीम के द्वारा हाथियों की निगरानी इमानदारी पूर्वक करते हुए उसके बस्ती के समीप आने की जानकारी ग्रामीणों को दी जाती तो दोनों की जान बच जाती.
भिंडी तोड़ने गया था, तब हुई घटना
मृतक के परिजनों ने बताया कि देवनारायण पैकरा गांव से करीब तीन किमी दूर बेजानकोना में सब्जी की फसल लगाने गया था, वह तड़के चार बजे भिंडी तोड़ने बेजानकोना की ओर गया हुआ था. सुबह करीब साढ़े 8 बजे बेजानकोना के सरपंच के द्वारा बताया गया कि देवनारायण पैकरा को जंगली हाथियों ने कुचल मार डाला है. वहीं, अमृत राम भी गुरुवार तड़केजंगल में हल की लकड़ी लेने के लिए गया हुआ था.
जब वह लकड़ी लेकर लौट रहा था, तब बेजानकोना में ग्रामीण को कुचलकर आगे बढ़े तीनों हाथियों से उसका सामना हो गया और हाथियों ने अमृत राम को भी कुचल कर मौत के घाट उतार दिया. घटना से ग्रामीणों में शोक और आक्रोश है. हाथियों के दल ने तीन घरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. कुछ दिन पहले कल्याणपुर में एक महिला को मौत के घाट उतार दिया था.
रेडियो कॉलर भी हो गए गायब
नागरिकों का कहना है कि जंगली हाथियों से जान और माल के नुकसान को कम करने के लिए वन विभाग के द्वारा पूर्व में हाथियों को ट्रैंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर गले में पहनाने का अभियान चलाया गया था और इस अभियान में काफी हद तक कामयाबी भी मिली थी, मगर मौजूदा समय में लगभग सभी हाथियों को पहनाए गए रेडियो कॉलर या तो खराब हो गए हैं या गिर गए हैं, जिससे अब इस उपकरण के माध्यम से लोकेशन पता कर पाना संभव नहीं है.
डीएफओ पंकज कमल ने बताया कि हाथियों का लोकेशन रात के समय कल्याणपुर में मिला था, जिससे ग्रामीणों को मुनादी करा सतर्क भी कराया गया था, मगर हाथियों का यह दल काफी तेजी से ग्राम परसा की ओर पहुंच गया. जब तक विभाग का अमला उनका लोकेशन ज्ञात कर पाता, तब तक हाथी दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार चुके थे.
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