Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सरगुजा (Surguja) जिले के उदयपुर इलाके में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. उदयपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत अलग-अलग गांव में 11 हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है. इस दौरान हाथी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके अलावा कुछ घरों को भी तोड़ दिया है. दकअसल 20 सितंबर से 11 हाथियों का दल सूरजपुर जिले के प्रेमनगर वन परिक्षेत्र से सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र में आया हुआ है. जो महेशपुर, मानपुर, शायर, कुमडेवा, उपकापारा, लक्ष्मीगढ़, सानीबर्रा, सुखरी भंडार, फूनगी सहित अन्य गांव के जंगल में विचरण कर रहा है.
12 हेक्टेयर फसल नुकसान
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हाथियों ने अब तक लगभग 12 हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचाया दिया है. जंगल किनारे के लगभग आधा दर्जन से अधिक कच्चे मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचाया है. गुरुवार को हाथियों ने दो लोगों के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया. शासकीय उद्यान झिरमिटी के परिसर पर भी काफी उत्पात मचाया है. केला के पौधों को खा गए, साथ ही प्लास्टिक में लगाए गए छोटे-छोटे पौधों को भी नुकसान पहुंचाया है. जिमीकंद इत्यादि फसलों को भी नुकसान हुआ है, फेन्सिंग कार को भी तोड़ा दिया है.
ग्रामीणों में आक्रोश
बता दें कि इन दिनों उदयपुर इलाके में हसदेव अरण्य के जंगल में कोल खदान के लिए पेड़ों की कटाई जा रही है. पेड़ कटाई को लेकर ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए 4 हजार से ज्यादा पुलिस जवान जंगल में तैनात किए गए हैं. इसमें वन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं. ऐसे में हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीण इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वन विभाग के अधिकारी पेड़ कटवाने में व्यस्त हैं, तो हाथियों से उनकी सुरक्षा कौन करेगा? उदयपुर क्षेत्र में गांव के साथ ब्लॉक मुख्यालय के लोग भी हाथियों के दहशत में है. पहले से ही वन विभाग की टीम हाथियों को खदेड़ने में नाकाम रही है और इन दिनों हाथियों का उत्पात कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. वन विभाग के अधिकारी कोल ब्लॉक में पेड़ कटवाने के लिए भिड़े हुए हैं. इससे जंगल के आसपास की कई बस्तियों में हाथियों का खतरा लगातार बना हुआ है.