Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में धान की हेरा-फेरी के मामले में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. सीतापुर इलाके में संचालित राइस मील की ओर से किसानों को धान बेचने की शिकायत मिलने पर राइस मील को प्रशासनिक टीम ने सील कर दिया है. इसके साथ ही खाद्य विभाग ने राइस मील में कस्टम मिलिंग के लिए उठाव किए गए धान और चावल का भौतिक सत्यापन भी कराया. इसमें प्रारंभिक जांच में राइस मील से हजारों बोरी धान गायब मिला है, जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ से अधिक बताई जा रही है.
दरअसल, सरगुजा जिला प्रशासन को सीतापुर ब्लाक के देवगढ़ में संचालित राइस मील से किसानों को धान बेचने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरगुजा कलेक्टर भोसकर विलास संदीपन के निर्देश पर खाद्य विभाग के संयुक्त टीम ने मेसर्स जय हनुमान राइस मील में पहुंचकर जांच की. टीम ने राइस मील का निरीक्षण किया. जांच के दौरान राइस मील के संचालक सतीश अग्रवाल द्वारा किए गए धान के उठाव और उपलब्ध चावल के स्टॉक की प्रारंभिक जांच में ही हजारों बोरी धान गायब मिला. इसके बाद जांच टीम द्वारा तत्काल राइस मील को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया.
हजारों बोरी धान गायब
बता दें कि, मेसर्स जय हनुमान राइस मील की जांच में हजारों बोरा धान गायब मिला है. राइस मिलर की ओर से समिति में धान का उठाव कर वापस किसानों को बेचने की शिकायत मिली थी, ताकि किसान उक्त धान को राइस मिल में खपा सकें. किसानों से 3100 रुपये क्विंटल में धान खरीदा जा रहा है, जबकि दूसरे प्रदेशों से धान लाकर राइस मिलर्स कस्टम मिलिंग का चावल जमा कर सकते हैं. जिला खाद्य अधिकारी रविंद्र सोनी ने बताया कि मिलर्स पर छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.
9500 क्विंटल धान मिली थी गायब
सरगुजा जिला खाद्य अधिकारी के दल ने कुछ दिनो पहले लुण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत चोरकीडीह गांव के सुमित गोयल की ओर से संचालित बनभौरी राइस मील इंडस्ट्रीज में जांच की तो दो करोड़ रुपये का 9500 क्विंटल धान गायब मिला था. शेष धान के भौतिक सत्यापन में 9522 क्विंटल धान कम पाया गया था. अधिकारियों ने मिलर्स से कुल 1.59 करोड़ रुपये मूल्य का 3385 क्विंटल चावल और 1152 क्विंटल धान को जब्त किया है.
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