(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Surguja News: सरगुजा में बेरहम पति ने हसुए से निकाली बीवी की एक आंख, मायके जाने से था नाराज
सरगुजा में पत्नी के मायके जाने से नाराज पति ने पत्नी की आंख निकाल दी. इलाज के बाद डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी है.
Surguja Crime News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मायके जाने से नाराज पति ने पत्नी की एक आंख निकाल दी. इलाज के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है. मामला उदयपुर थानाक्षेत्र के गाम केशगंवा का है. महिला का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में चला. डॉक्टरों ने लगभग 10 दिन तक महिला के आंखों की जांच की लेकिन आईबॉल कहीं नजर नहीं आया. घटना 14 अगस्त की है. केशगंवा निवासी 34 वर्षीय देवप्रसाद शराब के नशे में धुत होकर घर पहुंचा और पत्नी मानमति से बार बार मायके जाने का कहकर विवाद करने लगा. पत्नी के कथित रूप से मायके जाने का विवाद इतना बढ़ा कि देवप्रसाद ने पत्नी मानमति की पहले पिटाई कर दी.
मायके जाने से नाराज पति ने पत्नी की निकाली आंख
उसके बाद उंगली डालकर पत्नी की दाहिनी आंख निकाल दी. हैवानियत की हद पार करते हुए धान काटने के औजार (हसुए) से दाहिनी आंख को शरीर से बाहर निकाल दिया. घटना के वक्त सिर्फ पति पत्नी मौजूद थे. वारदात को अंजाम देकर पति भाग गया. पीड़िता की सास और देवर के पहुंचने पर डायल 112 की सहायता से महिला को उदयपुर अस्पताल पहुंचाया गया. आंख के इलाज की बेहतर सुविधा नहीं होने से मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर रेफर किया गया. अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग 10 दिनों तक महिला की आख का इलाज चला. इलाज के दौरान महिला की दाहिनी आंख का आईबॉल नजर नहीं आया. डॉक्टरों ने पता लगाने की पूरी कोशिश की.
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जांच में नहीं मिला आईबॉल
सिटी स्कैन भी किया लेकिन आईबॉल कहीं नजर नहीं आया. बताया जा रहा है कि पति ने आंख निकालने के बाद आग में जला दिया. घर में ढूंढने पर भी आईबॉल नहीं मिला. घटना के बाद से आरोपी पति फरार है. पुलिस ने देवप्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रियंका गुप्ता ने बताया कि सेवाकाल के दौरान मैंने किसी आंख के मरीज को ऐसी स्थिति में नहीं देखा. महिला के आईबॉल को खोजने का पूरा प्रयास किया. सिटी स्कैन, बी स्कैन सब से जांच की गई लेकिन आईबॉल कहीं नजर नहीं आया. आशय स्पष्ट है कि आंखों में आईबॉल था ही नहीं. महिला से जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन फायदा नहीं हुआ. आंख निकालना आसान नहीं होता है.
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