Surguja News: सरगुजा (Surguja) जिले के मैनपाट विकासखंड और रायगढ़ सरहद से लगे जंगल में पिछले डेढ़ महीने से 14 सदस्यीय जंगली हाथियों के दल के विचरण के चलते ग्रामीणों में भय मिश्रित कौतूहल का वातावरण बना हुआ है. वहीं वन विभाग का अमला हाथियों की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह देने के साथ ही सतर्क भी कर रहा है. शनिवार की रात हाथियों का दल दूबारा बरिमा गांव के समीप पहुंच गया.
हाथियों की निगरानी में जुटे वन कमर्चारियों के द्वारा ग्रामीणों को सतर्क करते हुए रात में ही सुरक्षित आंगनबाड़ी केन्द्र की ओर ले जाया गया. हालांकि हाथियों का दल बरिमा बस्ती की ओर उपर नहीं चढ़ा, जिससे वन कर्मियों के साथ ग्रामीणों ने भी थोड़ी राहत की सांस ली. रेंजर फेंकू प्रसाद चौबे ने बताया कि बारिश के मौसम और मैनपाट के पहाड़ी इलाकें की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद विभाग का अमला मुस्तैद है.
फसलों को भी पहुंचा रहे नुकसान
उन्होंने बताया कि जिस ओर हाथियों का दल विचरण करता है, उस ओर से लगे गांवों और बस्तियों में जाकर ग्रामीणों को सतर्क किया जाता है. वहीं बारिश शुरू होने के साथ ही बावापहाड़ गांव क्षेत्र में जंगली हाथियों द्वारा झोपड़ियों को नुकसान पहुंचाए जाने से प्रभावित ग्रामीण अभी भी परेशान हैं और झोपड़ियों की मरम्मत में जुट गए हैं. बता दें जंगली हाथियों के द्वारा मैनपाट क्षेत्र में फसलों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हाथी केला, कटहल और नाशपाती सहित अन्य फसलों को भी क्षति पहुंचा रहे हैं.
इसके अलावा हरी साग, सब्जियों की फसल को भी हाथी अपना निवाला बना रहे हैं. इधर ग्रामीणों के द्वारा धान फसल की तैयारी की जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल धान के सीजन में उन्हें हाथियों से काफी नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने और हाथियों के साथ छेड़छाड़ न करने की सलाह दी जा रही है.