Ambikapur News: सरगुजा जिले में खुद का भवन नहीं होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किराए के भवन में हो रहा है. बरसात में कच्चे खपरैल के घर से हादसे का खतरा बना रहता है. महिला बाल विकास विभाग मजबूरी में किराए के भवनों में केंद्र का संचालन करवा रहा है. महिला बाल विकास विभाग अधिकारी का कहना है कि शासन को नए भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन एसओआर में कुछ बदलाव होने की वजह से रुका हुआ है. ऐसे में जब तक नए आंगनबाड़ी भवनों के लिए स्वीकृति नहीं मिल जाती तब तक जिले के 700 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किराए के भवन में होगा. 


700 आंगनबाड़ी केंद्रों का नहीं है खुद का भवन


आपको बता दें कि सरगुजा जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या कुल 2460 है. इनमें से 750 केंद्र किराए के भवन में संचालित किए जा रहे हैं. सरकारी भवनों में संचालित केंद्रों की संख्या 1642 है. किराए के भवन में लगने वाले 750 केंद्रों में से 68 आंगनबाड़ी केंद्र लोगों के सहयोग और जुगाड से संचालित हो रहा है. आंगनबाड़ी के लिए शहरी इलाके में निर्धारित किराया 700 से 3000 रुपए तक है. ग्रामीण इलाके में 200 से 1000 तक दिया जाता है. 


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महिला बाल विकास विभाग का क्या कहना है?


आंगनबाड़ी केंद्र संचालन के लिए खुद का भवन नहीं होने से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को परेशानी होती है. इस बात को महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी भी मानते हैं. जिला कार्यक्रम अधिकारी बसंत मिंज का कहना है कि एससोआर बदल गया है. निर्माण से संबंधित काम पंचायत करता है. एससोआर में बदलाव के कारण निर्माण रुका हुआ है. सरगुजा में 750 आंगनबाड़ी केंद्रं भवन के अभाव में किराए के भवनों में संचालित होता है. उन्होंने आगे बताया कि विभाग की तरफ से जगह देखकर केंद्र का संचालन करने के लिए कहा गया है. नए भवनों के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. एसओआर में दर परिवर्तन के कारण निर्माण रुका हुआ है.


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