Surguja News: छत्तीसगढ के सरगुजा में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. स्कूल में ठेकेदार को बनाना था बास्केटबॉल ग्राउंड लेकिन बना दिया छत. सरगुजा संभाग के सबसे बड़े शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खिलाड़ी छात्राओं के भविष्य से मजाक किया जा रहा है. स्कूल में बननेवाला बास्केटबॉल ग्राउंड अधिकारी की अनदेखी और ठेकेदार की मनमानी का शिकार हो गया. गौरतलब है कि स्कूल में ग्राउंड बनने के लिए लोक शिक्षण संचानालय रायपुर से फंड आया था. लेकिन पहले जिला शिक्षा कार्यालय की उदासीनता से फंड फाइलों में धूल खाता रहा. करीब दो साल बाद निर्माण शुरू होने पर भ्रष्टाचार की परत दिखाई देने लगी. कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में संचालित है.
DEO के बाद PWD में महीनों लटका रहा मामला
बास्केटबॉल खिलाड़ियों की संख्या और छात्राओं में खेल के प्रति लगाव को देखते हुए लोक शिक्षण संचानालय रायपुर की तरफ से करीब दो साल पहले 6 लाख 68 हजार रुपए की राशि को मंजूरी मिली. राशि सीधे सरगुजा जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची लेकिन डेढ़ पौने दो साल तक दफ्तर में ही दबी रही. बाद में कुछ आपत्तियों और मांग पर राशि से बास्केटबॉल ग्राउंड बनाने का टेंडर की राशि लोक निर्माण विभाग को भेज दी गई. हालांकि भेजी गई राशि के बाद लोक निर्माण विभाग ने भी टेंडर निकालने में महीनों लगा दिए और फिर अब जब बेरोजागर इंजीनियर स्कीम के तहत ग्राउंड बनाने के लिए टेंडर हुआ तो उसमें भी गुणवत्ताविहीन निर्माण करा दिया गया.
ग्राउंड की जगह जमीन पर बना दिया गया छत
दरअसल रायपुर से राशि कन्या स्कूल में बास्केटबॉल ग्राउंड बनाने के लिए भेजी गई थी लेकिन ठेकेदार ने मैदान बनाने की जगह सीसी रोड ढाल दिया. इतना ही नहीं ढलाई के अगले ही दिन मैटेरियल उखड़ने भी लगा है. मतलब एक तो बिना तकनीकी जानकार के ग्राउंड की जगह रोड ढाल दी गई और ऊपर से निर्माण कार्य में गुणवत्ता का भी ख्याल नहीं रखा गया. जानकारी के मुताबिक लोक शिक्षण संचानालय की तरफ से भेजी गई राशि बास्केटबॉल ग्राउंड बनाने के लिए थी और उसमें ग्राउंड बनाने की हर बारीकियों का ध्यान रखना था. साथ ही उसमें पट्टी औऱ डिमार्केशन का भी काम किया जाना था. फिलहाल ये सब नहीं हुआ.
Covid In India: कोरोना की मार से कराह रहे राज्य, 28 दिसंबर के बाद यूं चढ़ा ओमिक्रोन-कोविड मामलों का ग्राफ
अधिकारी ने कहा ठेकेदार करेगा
लोक निर्माण विभाग की इंचार्ज इंजीनियर सरिता वर्मा ने बताया कि उनको मिले स्टीमेट में छत ढलाई करने का प्रावधान था. इसलिए छल ढलाई वाले कंक्रीटट यानी M-10 और M-20 की ढलाई कराई गई है. बिना ड्राईंग और घटिया निर्माण के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस दिन ढलाई हुई उस दिन किसी काम से रायपुर चली गई थीं. वर्मा ने कहा कि नीचे वाले कोट में डस्ट और गिट्टी की ढलाई की गई है. इसलिए किनारे किनारे वाले हिस्से में गिट्टी उखड़ी हुई दिखाई दे रही है. हालांकि उन्होंने दावा किया कि ठेकेदार से सतह को चिकना करवाकर ग्राउंड जैसा बनवाएंगे.