Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक ऐसा स्कूल है जिसके अस्तित्व को हाथियों ने खतरे में डाल दिया है. कोई अभिभावक अब उस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजना चाहता है. यही वजह है कि स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या शून्य है. इसके बावजूद स्कूल में एक हेडमास्टर और शिक्षक पदस्थ हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जब स्कूल में बच्चे ही नहीं हैं तो स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना का क्या मतलब? उन्हें अन्यत्र स्कूलों में अध्यापन कार्य के लिए पदस्थ किया जाए. 


एक भी बच्चे इस स्कूल में नहीं पढ़ रहे


लखनपुर विकासखंड के दूर वनांचल लब्जी ग्राम पंचायत के हाथी प्रभावित गांव जामा में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में अब अभिभावक अपने बच्चों को उनकी सुरक्षा को लेकर अध्यापन नहीं करा रहे हैं. जिसके चलते अब इस विद्यालय में बच्चों की दर्ज संख्या शून्य हो गई है और बगैर बच्चों के इस विद्यालय में एक प्रधान पाठक और दो शिक्षक पदस्थ हैं. उधर विकासखंड के कई विद्यालयों में यह स्थिति है कि बच्चों की दर्ज संख्या काफी अधिक है और शिक्षकों की संख्या कम है. 


पंचायत प्रतिनिधियों ने ये कहा


इलाके के पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि विद्यालय में बच्चों की दर्ज संख्या शून्य है तो वहां के शिक्षकों को कम शिक्षक वाला विद्यालय में पदस्थ किया जाना उचित होगा. लखनपुर जनपद स्थायी शिक्षा समिति के अध्यक्ष अतिम सिंहदेव ने कहा कि क्षेत्र के सभी विद्यालयों का सर्वे कराकर दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना की पहल की जाएगी. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी संजय गूहे ने बताया कि उक्त स्कूल की जानकारी उनके संज्ञान में है. शिक्षकों को दूसरे जगह शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. अगले हफ्ते तक हो जाएगा.


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