Operation Cyber Clean: सरगुजा जिले में "ऑपरेशन सायबर क्लीन" टीम को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने 5 दिन के भीतर दूसरे बड़े अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के सदस्यों पर 200 से ज्यादा ठगी की वारदात को अंजाम देने का आरोप है. गिरोह के ठगी करने का अंदाज भी शातिर था. विभिन्न कंपनियों की एजेंसियों के अधिकृत नाम एवं वेबसाइट का दुरूपयोग किया जाता था. सदस्यों के कब्जे से हजारों फर्जी सिम, बैंक खाता, पासबुक सहित एजेंसियों के नाम से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं. 


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लेंसकार्ट का शो-रूम खुलवाने के नाम पर लाखों की ठगी


अम्बिकापुर शहर के ब्रह्म रोड निवासी प्रणय शेखर घोष ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया कि 26 अप्रैल 2022 से 4 मई 2022 के बीच अज्ञात मोबाइल धारक ने लेंसकार्ट का शो रूम खुलवाने के नाम पर कुल 13 लाख 81 हजार 800 रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई. थाना अम्बिकापुर ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 34, 66डी आईटी एक्ट में मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. सरगुजा एसपी भावना गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी अजय यादव से मार्गदर्शन प्राप्त किया.  प्रकरण की जांच सायबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान को सौंपी गई. जांच में सभी तकनीकी पहलुओं और वारदात का गहराई से विवेचना किया गया. 


"आपरेशन सायबर क्लीन" की टीम ने किया भंडाफोड़


जांच की शुरुआत में आरोपियों के जरिए इस्तेमाल किए गए विभिन्न बैंक खातों, वालेट, पेमेंट गेटवे, ऐप, वेबसाइट, फर्जी दस्तावेज की जानकारी इकट्ठा की गई. नवीन अनुसंधान के तरीके अपनाकर ठगी की राशि और आहरण करने वाले आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त तकनीकी साक्ष्य एकत्र किये गए. इसके पश्चात जिला सायबर सेल एवं थाना अम्बिकापुर की संयुक्त टीम बनाई गई. निरीक्षक कलीम खान और उप निरीक्षक रूपेश नारंग के नेतृत्व में "आपरेशन सायबर क्लीन" टीम का गठन किया गया. टीम ने सभी तकनीकी पहलुओं से प्राप्त जानकारी के तहत कार्यवाही की. 


बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन और 14 राज्यों में मोबाइल, इंटरनेट सेवाएं बाधित होने के बावजूद पुलिस टीम ने नालंदा, देवघर, कोलकाता में लगातार 7 दिन कैंप किया. घर से फरार आरोपियों को पुलिस टीम ने स्थानीय वेशभूषा धारण कर करीब 500 किमी तक पीछा करते हुए पकड़ने में सफलता प्राप्त की. मामले में बिहार निवासी आयुष राज पिता विजय कुमार और अमरजीत कुमार पिता लालो प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है.


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आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि फर्जी वेबसाइट तैयार कर फेसबुक और गूगल ऐड के माध्यम से लोगों को झांसा दिया जाता था. गूगल में पोस्ट एडिट कर जानकारी अपलोड की जाती थी. लोगों के बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए फोन किया जाता था. बैंक की जानकारी मिलने के बाद इन्टरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की जाती थी. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया है. आरोपियों के कब्जे से नगदी 2 लाख 52 हजार, घटना में इस्तेमाल कंप्यूटर सेट, लैपटॉप, 15 नग मोबाइल, एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, लेमिनेशन मशीन, वेब कैमरा को बरामद किया गया है. 


पुलिस ने बताया ऑनलाइन ठगी से बचाव का तरीका



  • ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से पहले कंपनी की अधिकृत वेबसाइट से जानकारी प्राप्त करें

  • राशि के भुगतान से पहले संबंधित कंपनी के लोकल ऑफिस से पूछताछ कर जानकारी लें

  • ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से पहले खाते के संबंध में संबंधित बैंक से जानकारी प्राप्त करें

  • संबंधित मोबाइल नंबर को ट्रू-कॉलर एवं गूगल में सर्च कर लेने से स्पैम नंब का पता चलेगा

  • किसी भी व्यक्ति को फोन या व्हाट्सऐप पर अपना आधार, पैन, इत्यादि दस्तावेज ना भेजें

  • केवल मोबाइल फोन पर की गई बातचीत के आधार पर ही राशि का भुगतान ना करें

  • किसी भी प्रचार प्रसार, प्रलोभन, भ्रामक विज्ञापन में आकर राशि का भुगतान ना करें


कार्यवाही में सायबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान, थाना प्रभारी अम्बिकापुर भारद्वाज सिंह, निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, थाना प्रभारी सीतापुर रूपेश नारंग, सायबर सेल से प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, भोजराज पासवान, कुंदन सिंह, अनुज जायसवाल, मनीष सिंह, अंशुल शर्मा, आलोक गुप्ता, अभिषेक राठौर, शिव राजवाड़े, जितेश साहु, विरेन्द्र पैकरा, सुयश सिंह, स्मिता रागिनी मिंज, रमेश राजवाड़े, अशोक यादव, लालदेव पैकरा, विकाश मिश्रा प्रवीण सिंह सक्रिय रहे.