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Surguja Primary School: सरगुजा के इस सरकारी स्कूल की हालत जर्जर, जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे
Keshla Primary School: पहली से 5वीं तक के छात्र-छात्राएं एक कक्ष में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. जिस कक्षा में बच्चे पढ़ाई करते हैं, उसके छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
Keshla Primary School in Bad Condition in Surguja: बच्चों को शिक्षित करने के लिए पढ़ाई के नाम पर सरकार हर साल लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा देती है. बावजूद इसके धरातल पर कुछ ऐसी तस्वीरें दिख जाती हैं, जिससे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन-प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को लेकर कितना गंभीर है. कुछ ऐसी ही तस्वीर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले से आई है. दरअसल, जिले के सीतापुर (Sitapur) ब्लॉक अंतर्गत ग्राम केशला में प्राथमिक शाला के छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं. स्कूल भवन की हालत जर्जर हो चुकी है. संभावित हादसे को देखते हुए स्कूल का संचालन अतिरिक्त कक्ष में किया जा रहा है.
पहली से पांचवी तक के छात्र-छात्राएं एक कक्ष में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. जिस कक्षा में बच्चे पढ़ाई करते हैं, उस कक्षा के छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से छोटे बच्चों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल की स्थिति को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि शिक्षा विभाग छात्रों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है. ऐसा नहीं है कि प्राथमिक शाला की जर्जर स्थिति से शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी वाकिफ नहीं है.
बच्चों की पढ़ाई पर भी हो रहा असर
विभाग के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी है कि भवन की स्थिति काफी बुरी हो चुकी है और कभी एक बड़ा हादसा हो सकता है. इसके बावजूद विभाग ने स्कूल भवन की जर्जर स्थिति को सुधारने की ओर कोई पहल नहीं की है. इधर, संभावित हादसे को देखते हुए स्कूल के शिक्षक पहली से पांचवी तक की कक्षाओं का संचालन अतिरिक्त भवन में कर रहे हैं. ऐसे में एक ही कमरे में पहली से पांचवी तक के छात्र बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही और शिक्षकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. स्कूल प्रबंधन कई बार नए भवन की मांग कर चुका है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर पहल नहीं कर रहे हैं.
एबीईओ बोले- नए भवन के लिए भेज दिया गया है प्रस्ताव
प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका रुखसाना बेगम का कहना है कि स्कूल भवन काफी जर्जर हो गया है. जिसकी वजह से यहां बच्चों को नहीं पढ़ा पाते और यही वजह है कि पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चों को एक ही कमरे में बैठाकर पढ़ाने के लिए मजबूर हैं. इस दौरान जब एक क्लास के बच्चे को पढ़ाएंगे तो दूसरे क्लास का बच्चा नहीं पढ़ पाएगा. जर्जर भवन की हालत और बाउंड्रीवाल को लेकर कई बार शिकायत किए गिए हैं. इस संबंध में सीतापुर एबीईओ महेश सोनी ने बताया कि केशला का जर्जर स्कूल संज्ञान में है. अभी बच्चों को अतिरिक्त कक्ष में बैठाया जा रहा है. नए भवन के लिए विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है. जैसे ही स्वीकृति मिलेगा, तो तत्काल इस विषय पर पहल किया जाएगा.
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