Surguja News: सरगुजा में बरसात के समय बढ़ जाता है सर्पदंश का खतरा, संभाग को है 1240 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन की ज़रूरत
Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग में बारिश शुरू होते ही जहरीले सांपों का खतरा मंडराने लगता है. एबीपी न्यूज ने सरगुजा संभाग के उन चार जिलों की पड़ताल की है, जहां सर्पदंश के सबसे ज्यादा मामले आते हैं.
Ambikapur News: बारिश की शुरुआत होते ही सरगुजा संभाग के अधिकांश जिलों में जहरीले सांपों से जान का खतरा बढ़ जाता है. सर्पदंश के कई मामले ग्रामीण क्षेत्रों से अस्पताल तक पहुंचने लगते हैं. इनमें से कुछ की मौत इसलिए हो जाती है क्योंकि लोग सर्पदंश से घायल का पहले झाड़फूंक से इलाज करते हैं और जब जहर पूरे शरीर में फैल जाता है तब वे अस्पताल पहुंचते हैं. एबीपी न्यूज ने सरगुजा संभाग के उन चार जिलों की पड़ताल की है, जहां सर्पदंश के सबसे अधिक मामले आते हैं. इनमें नागलोक कहे जाने वाला जशपुर जिला भी शामिल है.
सर्पदंश से 2022 में 129 मामले आ चुके हैं सामने
सर्पदंश के एक साल के आंकड़े की बात करें तो बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में पिछले एक जनवरी 2021 से अब तक सर्पदंश के 551 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं जनवरी 2022 से अब तक सर्पदंश के 129 मामले सामने आए हैं. जिनमें 7 लोगों की मौत हो चुकी है. इसी तरह अंबिकापुर(सरगुजा) जिले में स्थापित शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बात करें तो यहां अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 316 लोगों सर्पदंश का शिकार हो चुके हैं. इनमें से 22 लोगों की मौत हुई हैं. इसके बाद अगर सूरजपुर जिले में सर्पदंश के मामलों की बात करें तो पिछले साल 2021 में सर्पदंश के 102 मामले जिला अस्पताल तक पहुंचे हैं. जिनमें 4 की इलाज के दौरान मौत हो गई.
Abp News की पड़ताल में मिली ये जानकारी
सरगुजा जिले के जशपुर में कई इलाके ऐसे हैं. जहां जहरीले सांपों की अच्छी खासी तादाद है. इसलिए इस इलाके को नागलोक कहा जाता है. इस जिले में Abp News ने संभागवार पड़ताल की तो पता चला कि वर्ष 2021 के 12 महीनों में जिला मुख्यालय जशपुर में 38, पत्थलगांव ब्लाक में 63, फरसाबगार इलाके में 89, कांसाबेल 10, मनोरा 05, बगीचा 98 और होली क्रॉस हॉस्पिटल कुनकुरी में 28 में सांप काटने के मामले सामने आए. एक साल में जिले के 332 मामले में 7 लोगों की मौत हो गई थी.
जानें एंटी स्नेक इंजेक्शन की उपलब्धता
एंटी स्नेक वेनम वो इंजेक्शन है. जो सांप काटने वाले मरीजों को अगर समय रहते लग गया तो फिर इंसान के बचने की संभावना ज्यादा हो जाती है. इसलिए संभाग के अस्पतालों में इसकी कितनी उपलब्धता है. इसकी पड़ताल हमने चार जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी से बात की है. सबसे पहले जशपुर जिले की बात करें तो यहां वेनम की उपलब्धता की स्थिति ठीक नजर नहीं आई. दरअसल, इस जिले के 9 शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में स्नेक वेनम की 380 डोज उपलब्ध है जबकि 2021 में 332 लोग स्नेक बाइट का शिकार होकर स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंचे हैं.
हालांकि जिले के सीएमएचओ डॉ रंजीत टोपियों ने बताया कि उन्होंने 9 स्वास्थ्य केंद्र के लिए 1240 स्नेक वेनम की डिमांड सरकार को भेजी है. जशपुर के बाद अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक लखन सिंह ने बताया कि उनके मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ASV का मौजूदा स्टाक 600 डोज है और बाकी के लिए उन्होंने डिमांड की है. बात करें सूरजपुर जिले की तो यहां के सीएमएचओ डॉ रन साय सिंह ने बताया कि उनके जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में ASV का 1720 डोज स्टाक है.
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