Surguja Road Accident: सरगुजा में भीषण सड़क हादसा, खड़ी ट्रक में जा घुसी कार, महिला समेत दो की मौत
अम्बिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कार बेतरतीब खड़े 407 मालवाहक वाहन के पीछे जा घुसी. इस हादसे में कार सवार महिला समेत दो लोगों की गंभीर चोट लगने से मौके पर मौत हो गई.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सरगुजा (Surguja) जिले के अम्बिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 130 पर बेतरतीब ढंग से खड़े मालवाहक वाहन लगातार हादसे का कारण बन रहे हैं. हाल ही में कोरबा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़ी एक ट्रेलर से यात्री बस टकरा गई थी. इस हादसे में सतगुजा जिले के तीन शिक्षक, एक बैंक मैनेजर समेत 6 लोगों की मौत हो गई थ. इसी क्रम में रविवार को देर रात करीब 11 बजे एक कार राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही बेतरतीब खड़े 407 मालवाहक वाहन ने पीछे जा घुसी. इस हादसे में कार सवार महिला समेत दो लोगों की गंभीर चोट लगने से मौके पर मौत हो गई. जबकि कार में सवार दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में दाखिल कराया गया है. दरअसल यह मामला उदयपुर थाना क्षेत्र का है.
दो लोगों की मौके पर मौत
दरअसल, सरगुजा जिले के उदयपुर निवासी रामबिलास यादव, परसा निवासी कन्या कुमारी (36 वर्ष), सूरजपुर जिले के तारा निवासी दान बहादुर सिंह (38 वर्ष) और जीनामती (43 वर्ष) एक कार में सवार होकर अम्बिकापुर से तारा लौट रहे थे. इसी दौरान रात करीब 11 बजे वे ग्राम गुमगा के पास पहुंचे ही थे कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेतरतीब खड़े 407 वाहन में उनकी कार पीछे से जाकर घुस गई. इस भयंकर टक्कर में कार के परखच्चे उड़ गए. हादसे में रामबिलास और कन्या कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दान बहादुर और जीनामती को गंभीर चोटें आई है. बताया गया कि टक्कर के बाद कार के सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. उसी क्षतिग्रस्त हिस्से में कार का चालक फंस गया था.
पुलिस की लापरवाही
घटना की जानकारी मिलने पर उदयपुर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतकों के शव को बाहर निकाला. घायलों को देर रात पुलिस की मदद से उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. सड़क पर खड़े वाहन के कारण हुए हादसे के बावजूद परिवहन और यातायात विभाग द्वारा अम्बिकापुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खासकर रात के समय सड़क के आधे हिस्से में खड़े रहने वाले मालवाहक वाहनों को व्यवस्थित तरीके से सड़क किनारे खड़ा करने का निर्देश तक जारी नहीं किया गया. यही कारण है कि रविवार की रात एक और भीषण सड़क हादसा हो गया. सड़क पर खड़े रहने वाले मालवाहक वाहनों द्वारा न तो इंडिकेटर जलाए जाते हैं और ना ही कोई सूचना संकेत लगाया जाता है. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज गति से दौड़ने वाले वाहनों के चालक पहले से सतर्क हो सके.