Surguja News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में स्थित संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय (Sant Gahira Guru University) के नए साल 2024 में खुद के भवन में शिफ्ट होने के साथ 20 नए विषयों की मान्यता की उम्मीदें बढ गई हैं. विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग को वांछित विषयों का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी (BJP) शासन काल में इन नए विषयों की अनुमति मिलेगी और शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय नई उच्चाईयों को प्राप्त करेगा.
साथ ही सरगुजा संभाग के बच्चों को बड़ी सौगात मिलेगी. मौजूदा समय में विश्वविद्यालय में मात्र सात विषय ही संचालित हो रहे हैं, जबकि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय की स्थापना के दौरान स्थापित हुए अन्य विश्वविद्यालय न सिर्फ स्वयं के भवन में शिफ्ट हो चुके हैं, बल्कि उनमें शिक्षण विभाग में 25 से अधिक विषयों का संचालन भी शुरू हो गया है. इस मामले में संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय प्रदेश में सबसे पिछडा हुआ है. इसके भवन निर्माण को शुरू हुए कई साल गुजर गए हैं.
इन विषयों का भेजा गया प्रस्ताव
इसके बाद भी अभी तक विश्वविद्यालय न तो नए भवन में शिफ्ट हो पाया है और न ही नए विषयों की मान्यता ले पाया है. साल 2024 में यह कमियां दूर होने की उम्मीद जताई जा रही हैं. इतना ही नहीं शासन को शिक्षण विभाग में प्राध्यापकों की कमी को भी दूर करने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है. संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि शासन को 20 नए विषयों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जिसमें अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, गणित, भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, बॉटनी, जुलॉजी, वाणिज्य, मैनेजमेंट, जर्नलिस्ट, मास कम्युनिकेशन, अंग्रेजी, हिन्दी, एमबीए, एमसीए, फिजीकल एजुकेशन, एमएसडब्लु, हिन्दी साहित्य शामिल हैं.
संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति ने क्या कहा
वहीं कम्प्युटर सांइस, फार्मेसी, बॉटेक्नोलॉजी, पर्यावरण विभाग, लीगल स्टडी, फंसनल हिन्दी, फार्म फारेस्ट्री सहित सात विषय पहले से विश्वविद्यालय में संचालित है. यदि शासन से नए विषयों की अनुमति मिली तो विषयों की संख्या बढकर 27 हो जाएगी. वहीं संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का नया भवन भकुरा में बन रहा है. इसमें अभी तक लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.
उन्होंने बताया कि अभी भी निर्माण पूर्ण करने के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये की आवश्यकता है. यह प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि नए साल में विश्वविद्यालय के खुद के भवन में शिफ्ट होने की उम्मीद है.
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