Surguja News: बारिश शुरू होते ही सरगुजा जिले (Surguja) में सर्पदंश (Snakebite ) की घटनाएं बढ़ गई हैं. दो दिनों पूर्व ही अम्बिकापुर शहर (Ambikapur City) से लगे ग्राम बांसा में एक दस वर्षीया बालिका की सर्पदंश से मौत हुई थी. जबकि एक 25 वर्षीय महिला की सर्पदंश से स्थिति गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 


घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम बरडांड़ निवासी परमा मांझी पत्नि सुखलाल मांझी रविवार (25 जून) की रात जमीन पर सोई थी. तभी देर रात जहरीले सर्प ने उसे डस लिया. नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से रेफर किए जाने पर उसे अम्बिकापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्नेक वेनम दवाओं की कमी के कारण मरीजों को अम्बिकापुर रेफर किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सर्पदंश की सर्वाधिक घटनाएं जमीन पर सोने के दौरान ही होती है. 


झाड़फूंक के चक्कर में बिगड़ती है स्थिति


बताया जा रहा है कि सरगुजा सहित संभाग के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में सर्पदंश की घटना होने पर जागरूकता के आभाव में, अधिकांश लोग झाड़फूंक करवाने लगते हैं, जिससे मरीज की हालत सुधरने के बजाय और गंभीर हो जाती है. समूचित उपचार में विलंब होने से कई बार मरीजों की मौत भी हो जाती है.


स्वास्थ्य विभाग ने क्या कहा?
मुख्य चिकित्साय और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएस सिसोदिया ने बताया कि बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं हर साल बढ़ रही हैं. जिसे देखते हुए समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्वास्थ्य अमले को, एंटी स्नेक वेनम का डोज देने का प्रशिक्षण देते हुए पर्याप्त मात्रा मे इंजेक्शन उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने बताया कि कई बार अस्पताल तक आने में देरी होने के कारण मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है. ऐसी स्थिति में सामूदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से प्रथमिक उपचार के बाद मरीजों को रेफर किया जाता है.


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