Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) जिले में एक सरकारी हॉस्टल में 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. घटना के बाद आदिम जाति कल्याण विभाग और छात्रावास में हड़कंप मच गया है. सूचना के बाद मौके पर दरिमा थाना पुलिस भी पहुंची और जांच पड़ताल की. प्रशासन ने प्राथमिक जांच के बाद हॉस्टल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है.
दरअसल, मुकेश तिर्की नाम का छात्र प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति छात्रावास, दरिमा में रहकर पढ़ाई करता था. वह सीतापुर ब्लॉक के ग्राम बिशुनपुर का रहने वाला था. वह दो साल से प्री मैट्रिक बालक छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था. बताया जा रहा है कि, छात्र पथरी की बीमारी के ग्रसित था. उसके दोस्तों ने बताया कि, वह तीन दिन से स्कूल नहीं जा रहा था. बुधवार को भी वह स्कूल नहीं गया. शाम को स्कूल से जब उसके दोस्त वापस लौटे तो मुकेश के कमरे का दरवाजा बंद था. रोशनदान से झांकने पर उसकी लाश फंदे पर लटक रही थी.
छात्र की मौत के बाद उठ रहे ये सवाल
जैसा कि छात्र के सहपाठियों ने बताया, वह पथरी से पीड़ित था. अब सवाल उठ रहा है कि क्या हॉस्टल वार्डन या उसके टीचर्स को इस बात की जानकारी नहीं थी. क्या उसके परिजनों को भी इस बारे में मालूम नहीं था. क्या सरगुजा जिला मुख्यालय से लगे दरिमा में पथरी का इलाज भी संभव नहीं था. इतनी मामूली सी बात पर बच्चे की मौत, व्यवस्थाओं की पोल खोल रही है .वहीं हॉस्टल में आठवीं के छात्र की आत्महत्या के मामले में हॉस्टल अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. कलेक्टर ने एसडीएम द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए थे. प्रथम दृष्टया प्रबंधन की लापरवाही पाए जाने पर हॉस्टल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है.
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