Abujhmad News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले अबूझमाड़ में आजादी के 75 साल बाद गांवों के सर्वे का काम शुरु हुआ है, अब प्रशासन भी इन गांवों तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है. लगभग 40 हजार से ज्यादा आबादी वाले अबूझमाड़ में नक्सलियों के भय  से प्रशासन की टीम अभी तक नहीं पहुंच पाई थी, जिससे अब तक इस गांव में सर्वे का काम नहीं हुआ था. इसलिए यहां के ग्रामीण सरकार की सारी योजनाओं और मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे. आखिरकार जिला प्रशासन की कोशिश और पुलिस की लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाये जाने से इस क्षेत्र में पुलिस के जवानों और प्रशासन को पहुंचने में कामयाबी मिली है, हालांकि अब तक प्रशासन की टीम लगभग 237 गांवों में से 18 गांवों तक ही  पहुंच सकी है. प्रशासन ने इस क्षेत्र के लगभग 2400 किसानों को उनके जमीन का पट्टा बनाकर  वितरण किया है.


खरीदी केंद्रों में किसान बेच सकेंगे धान


छत्तीसगढ़ राज्य का अबूझमाड़ क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जिस वजह से यहां कभी प्रशासन और पुलिस की टीम नहीं पहुंच सकी थी. नक्सलियों के बड़े लीडर अबूझमाड़ क्षेत्र को अपना सेफ जोन मानते हैं. कुछ साल पहले केंद्र और राज्य सरकार ने अबुझमाड़ क्षेत्र में पहुंचकर उनके गढ में पुलिस कैंप बना लिया. इसके बाद दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिला प्रशासन धीरे-धीरे इस क्षेत्र में पहुंच रही है, जमीन का पट्टा मिलने पर किसानों ने खुशी जाहिर करते हुए अपने खेत में उगाने वाले फसल को खाने के साथ सरकार को भी बेचने की बात कही. किसान अब तक जिस धान को उगाते थे, उसे ओने पौने दामों में छोटे बाजारों में बेच देते थे लेकिन मसाहती पट्टा बनने के बाद अब किसान अपने उगाए धान को केंद्रों में भी बेच सकेंगे.


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मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे


किसानों के साथ-साथ इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने कहा कि उनके क्षेत्र के पूरे ग्रामवासी आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव में पानी, बिजली और स्वास्थ सुविधाएं बिल्कुल नहीं है और ना ही किसी ग्रामीण का आधार कार्ड बना है, इसलिए ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन उनके गांव तक पहुंचे और सरकार की योजनाओं को लोगों पहुंचाए. ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र के 18 गांवों में पुलिस के पहुंचने से आने वाले सालों में नक्सली दहशत पूरी तरह कम होगी और पूरे अबूझमाड़ क्षेत्र का विकास होगा.


मुख्यमंत्री ने दिया उपहार


नारायणपुर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के अनुसार अबूझमाड़ में मसाहती पट्टा के लिए सेटेलाइट के माध्यम से पूरे क्षेत्र का सर्वे किया गया, जिसके बाद प्रशासन की टीम धीरे-धीरे अबूझमाड़ के कुछ गांवों तक पहुंची, और विकास कार्य शुरू कराए गए. इस दौरान सबसे पहले सरकार की पहल पर किसानों को पट्टा देने का काम शुरू किया गया. पहले फेस में प्रशासन की तरफ से लगभग 1300 किसानों को पट्टा दिया गया. भेंट- मुलाकात कार्यक्रम के दौरान नारायणपुर के अबूझमाड़ के छोटे डोंगर गांव में मुख्यमंत्री ने 1120 अतिरिक्त किसानों को मसाहती पट्टा वितरण किया. कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने आगे कहा कि प्रशासन की टीम इस क्षेत्र में लगातार सर्वे का काम कर रही है. उन्होंने बताया कि अबुझमाड़ का क्षेत्रफ़ल बहुत बड़ा है, और इस क्षेत्र में लगभग 40 से 50 हजार लोगों की आबादी है, जिस वजह से यहां सर्वे में समय लग सकता है. मुख्यमंत्री ने अबूझमाड़ के कुछ गांव में 5 नए धान खरीदी केंद्र को खोलने की घोषणा भी की है, जहां किसान अपने धान को बेच सकेंगे. इस क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने ITI कॉलेज खोलने की भी घोषणा की.


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