Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश को जोड़ने की बात कही है. यानी पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत में मिलने के लिए कहा है. इस बयान के बाद महराज एक फिर सुर्खियों में आ गए है. इसके अलावा उन्होंने कई अलग अलग विषयों पर बयान दिया है.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा-पाकिस्तान और बांग्लादेश को भारत में मिलना चाहिए
दरअसल बुधवार को रायपुर के शंकराचार्य आश्रम पहुंचे थे. इस श्रद्धालुओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. पूजा अर्चना के बाद महाराज ने मीडिया से भी बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को जोड़ने का अभियान जरूर चलाया जाना चाहिए. लेकिन पहले यह तय होना चाहिए कि हमें जोड़ना क्या है. हम कल्पना में ही तोड़ रहे है और कल्पना में ही जोड़ रहे हैं. बेहतर होगा प्रामाणिक तौर पर जो टूटा है उसे जोड़ा जाए. शंकराचार्य ने कहा कि प्रामाणिक तौर पर भारत से पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग हुए हैं, उसे जोड़ा जाना चाहिए.
अविमुक्तेश्वरानंद महाराज बोले- दोनों जगह रहते हैं हिंदू -मुस्लिम
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इतिहास को याद दिलाते हुए कहा कि आजादी के पहले ही भारत के बंटवारे की स्क्रिप्ट लिख दी गई थी. देश के बंटवारे की पहली शर्त थी कि सारे हिन्दू भारत में रहेंगे और मुस्लिम पाकिस्तान चले जाएंगे. लेकिन बंटवारे के समय बड़े पैमाने पर हिंसा हुए, तब माउंट बेटन ने नेहरू और जिन्ना से कहा कि अगर हिंसा नहीं रुकी तो भारत को आजाद करने का फैसला वापल ले लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी विभाजन की शर्तों का पालन नहीं हो सका. जब हिंदू- मुस्लिम दोनों जगह रह रहे हैं तो बंटवारा कैसा? इसलिए मैं कहता हूं कि बंटवारे को खत्म कर पाकिस्तान को वापस भारत में मिला लेना चाहिए.
शंकराचार्य ने दिया इंटरनेट पर लगाम लगाने का सुझाव
इसके अलावा शंकराचार्य ने इंटरनेट पर लगाने की बात कही है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वर्तमान में आधुनिकीकरण का बोलबाला है. जीवन में प्रगति करने के लिए आधुनिक यंत्रों का उपयोग आवश्यक है. इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन इंटरनेट पर लगाम लगाना जरूरी है.
इंटरनेट पर ज्ञान का भंडार है. ज्ञान से युवा प्रगति कर रहे है. इसके विपरित हर व्यक्ति विवेकशील नहीं हो सकता इसलिए इंटरनेट पर दिखाई जाने वाली सामग्री से युवा दिग्भ्रमित ज्यादा हो रहे हैं. इसलिए इंटरनेट पर नियंत्रण होना चाहिए ताकि बच्चे युवाओं का मस्तिस्क व्यर्थ की बातों में न उलझें.
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