Chhattisgarh: धर्मांतरण को लेकर स्वामी शंकराचार्य ने दिया बड़ा बयान, रोम के ईसा मसीह की प्रतिमा का खोला राज
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती शंकराचार्य ने कहा कि वैदिक ज्ञान और सनातन धर्म सबसे समृद्ध है. वहीं धर्मांतरण को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदुओ को कोसने से कोई मतलब नहीं बल्कि खुद को निहारने की जरूरत है
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Chhattisgarh News: पूरी के पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती शंकराचार्य ने छत्तीसगढ़ में सबसे ज्वलनशील मुद्दों में से एक धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है. शंकराचार्य ने अपने धर्म को छोड़ ईसाई धर्म अपना रहे लोगों से पूछा है कि मैं क्रिश्चनों को कहता हूं कि आप ईसा मसीह को मानते हैं और उनके बारे में कितना जानते हैं? उन्होंने कहा कि रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा वैष्णव तिलक में है, वह वैष्णव हो गए, जो लोग ईसा मसीह के नाम पर क्रिश्चियन बन रहे हैं उन्हें उनका इतिहास नहीं मालूम है. ईसा मसीह कई वर्षों तक कहां रहे यह किसी को नहीं पता, भारत में ईसा मसीह 3 वर्ष रहे. आज भी रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा को ढक दिया गया है और अब तक खोली नहीं गई है.
यहां ईसा मसीह आज भी वैष्णव तिलक में दिखाई पड़ेंगे. स्वामी शंकराचार्य ने बताया कि आरएसएस के संचालक रहे सुदर्शन मेरे पास आते थे उन्होंने ईसा मसीह को लेकर मुझे एक इतिहास बताया था. इसमें उन्होंने बताया कि ईसा मसीह को जब सूली पर चढ़ा दिया गया था और उन्होंने समझा अब ईसा मसीह मर जाएंगे और कुछ देर में मरने वाले हैं, लेकिन ईसा मसीह जीवित निकले. इसके बाद पैदल घूमते-घूमते भारत के जम्मू कश्मीर में आए और आज भी जम्मू-कश्मीर में ईसा मसीह की समाधि है. इस इतिहास का क्या करेंगे, उन्होंने बताया कि बाइबिल में से गीता के कुछ नॉर्म्स अगर हटा दें तो बाइबिल में कुछ मानने को रहेगा? बाइबल के हिसाब से सृष्टि 6 हजार साल पुरानी है, जबकि गीता के हिसाब से सृष्टि दो करोड़ साल पुरानी है.
छत्तीसगढ़ में छाया है धर्मांतरण का मुद्दा
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में अपार वैदिक ज्ञान है और कई ऐसे वेद हैं जिसमें विज्ञान से पहले सृष्टि कितनी पुरानी है, पृथ्वी की आयु कितनी है, यह सब ज्ञान उसमें समाहित हैं. वैदिक ज्ञान और सनातन धर्म सबसे समृद्ध है. वहीं धर्मांतरण को लेकर कहा कि हिंदुओ को कोसने से कोई मतलब नहीं बल्कि खुद को निहारने की जरूरत है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा छाया हुआ है. खासकर बस्तर संभाग में लगातार अपना धर्म परिवर्तन कर क्रिश्चन समुदाय को अपना रहे लोगों और बस्तर के मूल धर्म के आदिवासियों के बीच विवाद भी चल रहा है. वहीं राज्य सरकार और विपक्ष भी धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर आमने-सामने हैं और लगातार एक दूसरे पर धर्मांतरण को लेकर आरोप मढ़ रहे हैं. इसी बीच बस्तर पहुंचे निश्चलानंद सरस्वती स्वामी शंकराचार्य ने भी छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर पूछे गए सवाल पर अपना बयान दिया है.
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