Chhattisgarh News: टाहकवाड़ा नक्सली अटैक के 4 दोषियों को आजीवन कारावास की कठोर सजा, हमले में शहीद हुए थे 15 जवान
NIA Court: बस्तर में नक्सलियों के सबसे बड़े हमलों में टाहकवाड़ा नक्सली अटैक को भी गिना जाता है. इस हमले के 4 दोषियों को 11 अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
Sukma News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के टाहकवाड़ा में साल 2014 में हुए नक्सली हमले की जांच कर रही एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में 4 लोगों को दोषी मानते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी है. एनआईए कोर्ट के पीठासीन न्यायाधीश दुखीराम देवांगन ने अदालत में एनआईए के वकील द्वारा पेश किए गए सभी सबूतों, गवाहों और साक्ष्यों को सही मानते हुए यह फैसला सुनाया है.
दरअसल, सुकमा जिले में साल 2014 में एक बड़ी नक्सली घटना हुई थी. इसमें 15 जवान समेत एक सिविलयन की मौत हो गई थी. करीब 10 साल तक चली जांच के बाद इस मामले में आखिरकार 4 दोषियों को सजा सुनाई गई है.
11 अलग-अलग धाराओं में दर्ज थे मामले
इस हमले के 4 दोषियों को 11 अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है. इसमें 302 हत्या, आईपीसी 120 बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूएपीए (अनलॉफूल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट) के तहत मामले शामिल थे. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इस घटना के बाद पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. उसके बाद एनआईए ने अपनी जांच के दौरान घटना से जुड़े करीब 84 लोगों को गवाह बनाया था.
इन सभी के बयान एक-एक कर दर्ज किए गए हैं और अंत में अदालत ने सभी के बयान दर्ज करने के बाद यह बड़ा फैसला सुनाया है. जिन 4 दोषियों को सजा सुनाई गई है उनमें महादेव नाग, दयाराम बघेल, मनीराम कोर्राम, और कवासी जोगा शामिल है, यह सभी नक्सली संगठन के सदस्य हैं.
क्या था टाहकवाड़ा नक्सल हमला
11 मई 2014 को नक्सलियों ने घात लगाकर गश्त पर निकले सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दिया था. इसमें 15 जवान शहीद हो गए थे और एक सिविलियन की भी मौत हुई थी. बस्तर में नक्सलियों के सबसे बड़े हमले में इसे भी गिना जाता है. तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री खुद शहीद जवानों को अंतिम सलामी देने बस्तर आए थे. घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में यह मामला एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को ट्रांसफर किया गया. इसके बाद से इस घटना की जांच की बागडोर एनआईए के हाथों में ही है.