Chhattisgarh: बस्तर के तेंदूपत्ता की मांग में भारी गिरावट, अभी तक शुरू नहीं हुई खरीदी, जानें वजह
Bastar: पिछले कुछ सालों से तेंदूपत्ता के खरीददार नहीं मिल रहे हैं, खरीदी भी प्रभावित हुई है. इस साल अप्रैल बीतने को है और अब तक तेंदूपत्ता की खरीदी शुरू भी नहीं हो सकी है.
छत्तीसगढ़ में 'हरा सोना' के नाम से पहजाने जाने वाले तेंदूपत्ता खरीदी की डिमांड पिछले सालों के मुकाबले घटती जा रही है, दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीड़ी की डिमांड कम होने के कारण तेंदूपत्ता की मांग कम हो गई है, हालांकि राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहको के लिए अपने घोषणा पत्र में किये गए वायदे के अनुसार प्रति मानक बोरा 4 हजार रुपये कर दिया है, जिससे तेंदूपत्ता संग्राहकों में तेंदूपत्ता की तोड़ाई में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है
लेकिन पिछले कुछ सालों से अब तेंदूपत्ता के खरीददार नहीं मिल रहे हैं, जिसकी खरीदी भी प्रभावित हुई है, वहीं इस साल अप्रैल माह बीतने को है और अब तक तेंदूपत्ता की खरीदी शुरू भी नहीं हो सकी है, हालांकि इसकी वजह बस्तर में बेमौसम हुई बारिश बताई जा रही है ,जिसकी वजह से खरीदी शुरू नहीं हुई है, अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले एक सप्ताह में खरीदी शुरू की जाएगी,वहीं संग्राहकों को भी तेंदूपत्ता खरीदी शुरू होने का पिछले कई दिनों से इंतजार है.
पिछले सालों के मुकाबले घटी है डिमांड
बस्तर वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने बताया कि मार्च के अंतिम दिनों से पूरे मई महीने तक तेंदूपत्ता की खरीदी होती है, और ग्रामीण अंचलों में पुरुषों के साथ पूरा परिवार तेंदूपत्ता की तोड़ाई करता है ,लेकिन इस साल संभाग के कुछ जिलों में बेमौसम बारिश की वजह से तेंदुपत्ता खरीदी की शुरुआत नहीं की गई है, हालांकि विभाग ने खरीदी से संबधित सारी तैयारियां पूरी कर ली है और फड़ मुशियों को तैनात कर दिया गया है.
मो शाहिद ने बताया कि कुछ जगहों पर तेंदूपत्ता खरीदी के लिए निकाले गए टेंडर में पूरे के पूरे लॉट बिक गए हैं, जिसमें बीजापुर शामिल है, बीजापुर में 45 के 45 लॉट बिक गए हैं और जगदलपुर में 15 में से 7 ,सुकमा में 48 में से 16 और दंतेवाड़ा वन मंडल में 11 में से 10 लॉट की बिक्री हुई है ,मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि जिन लॉट की बिक्री नहीं हुई है. उन लॉट के लिए फिर से टेंडर जारी किया जाएगा.
कुल मिलाकर 119 लॉट 78 लॉट की बिक्री हुई है, सीसीएफ ने भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीड़ी की डिमांड कम हुई है, जिसके कारण तेंदूपत्ता की मांग भी पिछले सालों के मुकाबले कम हुई है.
हालांकि बस्तर में मौजूद तेंदूपत्ते की क्वालिटी सबसे अच्छी होती है, ऐसे में कोशिश की जा रही है कि जिस लॉट की बिक्री नहीं हुई है वहां पर फिर से टेंडर जारी करें, इसकी बिक्री की जाए, वही राज्य सरकार के द्वारा संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा में 4 हजार रुपये किए जाने से अंदरूनी ग्रामीण अंचलों में पिछले सालों के मुकाबले ग्रामीण और उनका पूरा परिवार तेंदूपत्ता के तोड़ाई करने में ज्यादा उत्साहित नजर आ रहे है. उन्होंने कहा कि आने वाले एक सप्ताह में तेंदूपत्ता की खरीदी शुरू की जाएगी.