छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 30 पर चक्का जाम कर दिया और घंटों तक सड़क पर बैठकर धरना-प्रदर्शन किया. धरने पर बैठे सभी ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्राहक हैं जिन्हें बीते साल भर से बस्तर में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदू पत्ता तोड़ाई का भुगतान नहीं किया गया है. कई बार वन विभाग के आला अधिकारियों से मांग करने के बावजूद भुगतान नहीं होने के चलते सोमवार को ग्रामीणों ने पहले डीएफओ कार्यालय का घेराव किया जिसके बाद नेशनल हाईवे-30 पर चक्का जाम कर दिया. 


सैकड़ों ग्रामीणों के प्रदर्शन से नेशनल हाईवे घंटों तक जाम रहा, जिसके बाद मौके पर पहुंचे SDM के आश्वासन से ग्रामीणों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म करवाया. वहीं भुगतान के मामले में बीजापुर के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने राजनांदगांव के रहने वाले तेंदूपत्ता ठेकेदार पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है और उसकी गिरफ्तारी की भी मांग की है.


8 गांव के ग्रामीणों को नहीं हुआ भुगतान


दरअसल बीते कुछ दिनों से बीजापुर जिले के करीब 8 गांव के तेंदूपत्ता संग्राहक और कई परिवहन कर्ताओं को पिछले सीजन का भुगतान राजनांदगांव के रहने वाले ठेकेदार ने नहीं किया है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीण संग्राहकों और परिवहन कर्ताओं को करीब सवा करोड़ रुपए का भुगतान होना है. लगातार शिकायत के बाद भी ना तो ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की जा रही है और ना ही ग्रामीण संग्राहकों को भुगतान कराया जा रहा है, जिसकी वजह से ग्रामीण पिछले कई दिनों से परेशान चल रहे हैं.


हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पिछले सीजन का भुगतान कर दिया है लेकिन यह पैसा ग्रामीणों को नहीं बल्कि तेंदूपत्ता ठेकेदार को मिला है और करीब सवा करोड़ का भुगतान हुआ है.


ठेकेदार पर लगाए भ्रष्टाचार का आरोप


वहीं तेंदूपत्ता संग्राहकों के धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बीजापुर के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा का कहना है कि जिले में तेंदूपत्ता ठेकेदारों का बोलबाला है विभाग ने पहले ही इन ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया है लेकिन पिछले 1 साल से अपने मेहनत की कमाई पाने के लिए सैकड़ों तेंदूपत्ता संग्राहको दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है.


कई बार वन विभाग के आला अधिकारियों को भुगतान कराने के लिए आवेदन सौंपने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते संग्राहकों को यह कदम उठाना पड़ा है और आज नेशनल हाईवे जाम करने के लिए विवश होना पड़ा. महेश गागड़ा ने बताया कि प्रशासन के अधिकारियों को 10 दिनों के भीतर सभी तेंदूपत्ता संग्राहको को भुगतान करवाने की मांग की है और अगर 10 दिनों बाद भी संग्राहकों को  भुगतान नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.


20 दिनों के अंदर भुगतान करने का दिया आश्वासन


इधर DFO ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों  को बताया है कि विभाग के द्वारा ठेकेदार को भुगतान किया जा चुका है, वहीं इस पर बीजापुर के एसडीएम पवन कुमार ने सभी ग्रामीण संग्राहको से कहा है कि उनकी कोर्ट खुद ठेकेदार को समन जारी करेगी और 20 दिन के भीतर बकायेदारों को राशि उपलब्ध करवाई जाएगी. फिलहाल एसडीएम से आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है और 10 दिनों के भीतर उनका भुगतान कराने की मांग की है वरना उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.


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