Raipur News: छत्तीसगढ़ में एक और हाथी की मौत हुई है. धमतरी जिले में 5 लोगों की जान लेने वाली हथिनी का गरियाबंद वन मंडल ने शव बरामद किया गया है. हथिनी की मौत के बाद गरियाबंद वन मंडल के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे. वन विभाग का कहना है हथिनी को खाने में तकलीफ हो रही थी इसलिए उसने भोजन नहीं किया होगा, उसकी मौत का यही कारण हो सकता है.
हथिनी के हमले से धमतरी में 5 ग्रामीणों की मौत
दरअसल पिछले सप्ताह धमतरी वन मंडल में इसी हथिनी ने 5 ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा था. तीन दिनों तक लगातार हथिनी धमतरी वन मंडल में घूमती रही इस दौरान उसने महुआ बीनने गए ग्रामीणों पर हमला किया. धमतरी वन मंडल से कुछ दिनों पहले हथिनी वापस गरियाबंद वन मंडल पहुंची जहां उसकी मौत हो गई. मौत के पीछे मुंह में छाले होने के कारण भोजन नहीं कर पाना बताया जा रहा है.
अपने दल से बिछड़ गई थी हथिनी
गरियाबंद के डीएफओ मयंक अग्रवाल ने बताया कि ये हथिनी सिकासेर दल की हथिनी थी. इसकी उम्र 30 से 35 साल होगी. इसी महीने दल से अलग होकर हथिनी धमतरी वन मंडल चली गई थी. इसके बाद एक दो दिन पहले ही गरियाबंद वन मंडल पहुंची जहां उसकी मौत हो गई. बुधवार की सुबह हथिनी का पोस्टमार्टम किया जाएगा उसके बाद ही मौत का असल कारण पता चलेगा.
डॉक्टर को दिखे मुंह में छाले के निशान
हथिनी की मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची है. वेटनरी डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि पहली बार देखने से पता चल रहा है कि हथिनी को खाने में तकलीफ हो रही थी. उसके मुंह में छाले पड़े हैं. इसके कारण हथिनी भोजन नहीं कर पा रही होगी. हाथी दल के मित्रों ने हथिनी का पीछा किया, जिसमें उन्हें जंगल में विचरण के दौरान हथिनी के भोजन करने के निशान नहीं मिले. पेड़ पौधों को हथिनी ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.
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