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Chhattisgarh: बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा फिर गरमाया, ईसाई समुदाय के लोगों का सर्व हिंदू समाज ने किया आर्थिक बहिष्कार
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाता जा रहा है. खासकर ग्रामीण अंचलों में ईसाई धर्म अपनाने वाले ग्रामीणों को अपने मूल धर्म में वापसी के लिए फरमान जारी किया जा रहा है.
![Chhattisgarh: बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा फिर गरमाया, ईसाई समुदाय के लोगों का सर्व हिंदू समाज ने किया आर्थिक बहिष्कार The issue of conversion in Bastar again heated up, all Hindu society boycotted the people of Christian community ann Chhattisgarh: बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा फिर गरमाया, ईसाई समुदाय के लोगों का सर्व हिंदू समाज ने किया आर्थिक बहिष्कार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/27/7c78db95091e0c7d1d8ef96c470b81a31693133706876774_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाता जा रहा है. खासकर ग्रामीण अंचलों में ईसाई धर्म अपनाने वाले ग्रामीणों को अपने मूल धर्म में वापसी के लिए फरमान जारी किया जा रहा है और ऐसा नहीं करने पर धर्मांतरित लोगों का गांव में आर्थिक बहिष्कार का भी फैसला लिया जा रहा है. ताजा मामला जिले के तीरथगढ़ पंचायत का है जहां सर्व हिंदू समाज की एक बैठक में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए कई फरमान जारी किए गए हैं. समाज के द्वारा जो फरमान जारी किए गए हैं यदि उसे इलाके में लागू कर दिया जाए तो ईसाई समुदाय के लोगों का हुक्का पानी ही बंद हो जाएगा. सर्व हिंदू समाज ने अपने इस निर्णय की कॉपी बकायदा दरभा ब्लॉक के तहसीलदार और दरभा थाना प्रभारी को भी दी है और प्रशासन ने समाज की ओर से दिए गए इस आवेदन की कॉपी को सील थप्पा लगाकर बाकायदा रिसीविंग भी दी है. इस बैठक के बाद गांव के ईसाई समाज के लोग तनाव में है और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा.
इन मांगों को लेकर थाना में सौंपा आवेदन
दरअसल, जिले के तीरथगढ़ पंचायत के आदिवासी समुदाय और सर्व हिंदू समाज ने दरभा तहसीलदार और दरभा पुलिस के थाना प्रभारी को जो आवेदन दिया है उसमें कहा गया है कि हम समस्त ग्राम पंचायत तीरथगढ़ तहसील दरभा, जिला बस्तर, हिंदू निवासी हैं जो सर्व हिंदू समाज द्वारा बैठक रखा गया है. इसमें ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवारों के संबंध में चर्चा की गई है जिसमें समाज प्रमुखों के द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं और इन्हें इलाके में लागू करने पर भी फैसला लिया गया है.
फरमान में क्या कहा गया?
बैठक में लिए गए निर्णय में मुख्य रूप से ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव,और पटेल के बिना सहमति से लिए गए इस निर्णय पर पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं किया जाए. गांव में रूढ़ी प्रथा की जागृत हो और धार्मिक स्थल से ईसाई परिवार के सदस्यों को हटाया जाए, इसके अलावा तीरथगढ़ गांव मौजूद पर्यटन विकास समिति, पार्किंग समिति, इसके अलावा मुर्गा बाजार समिति और पपीता प्लांट समिति में ईसाई परिवार के लोगों के साथ काम नहीं किया जाए और ना ही ईसाई परिवार से कार्य कराया जाए. यदि नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो ग्राम पंचायत 5 हजार रुपये दंड बाकायदा उस परिवार से वसूली करेगा, इसके अलावा इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि हिंदुओं के किसी भी दुकान से ईसाई परिवार को सामान खरीदने नहीं दिया जाएगा और उनके दुकान में भी हिंदू नहीं जाएगा.
गांव में टैक्सी वाहन की सुविधा भी नहीं दी जाएगी
गांव में टैक्सी वाहन की सुविधा ईसाई धर्म के लोगों को नहीं दी जाएगी और ना ही ईसाई धर्म के लोगों के गाड़ी में हिंदू बैठेंगे. गाँव में देवी देवता के कार्य में ईसाई परिवार से चंदा नहीं लिया जाएगा, अगर धर्मांतरित किये ईसाई परिवार आने वाले जनवरी माह तक वापस अपने हिंदू धर्म में वापसी नहीं होते हैं तो उनकी जो कृषि भूमि है उसे समिति के माध्यम से देवी देवता को मान रहे उस परिवार को दिया जाएगा. किसी ईसाई परिवार में मृत्यु होती है तो उसे शमशान घाट में शव दफनाने नहीं दिया जाएगा, यदि मूल धर्म में वापसी करते हैं इसी शर्त पर शमशान घाट दिया जाएगा, इसके अलावा जो भी ईसाई धर्म के पास्टर गांव में धर्मांतरण कराता है तो उसे उस परिवार की जिम्मेदारी लेनी होगी.
संवैधानिक अधिकारी का होगा उल्लंघन तो करेंगे कार्रवाई
इधर दरभा थाना क्षेत्र के एसडीओपी ऐश्वर्य चंद्राकर ने बताया कि बैठक की जानकारी पुलिस को है और पुलिस इस दिशा में काम कर रही है. उन्होंने बताया कि अभी बैठक में शामिल लोगों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अफसर की एक बैठक आयोजित करवाई जानी है. इस बैठक में ग्रामीणों को भारतीय संविधान के अधिकारों की जानकारी दी जाएगी और बताया जाएगा कि इस तरह के लिए गए निर्णय संवैधानिक नहीं है और कोई भी व्यक्ति संस्था समुदाय किसी भी दूसरे व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकता है. इसके बाद भी यदि कोई नहीं मानेगा तो उस पर जरूर कार्यवाही की जाएगी.
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