Naxal Attack : माओवादी संगठन ने ग्रामीणों की पिटाई का 10 जवानों की मौत से लिया बदला? चिट्ठी जारी कर कही ये बात
माओवादी संगठन ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने इसे लेकर एक प्रेस नोट जारी किया है.
Naxal Attack : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में 26 अप्रैल को नक्सली हमले को लेकर माओवादी संगठन के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी किया है. इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए PLGA के स्मॉल एक्शन टीम के द्वारा घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की गई है. नक्सलियों ने पर्चा जारी कर यह भी लिखा है कि “जवान सर्चिंग के नाम पर गांव वालों पर हमला करके अवैध रूप से ग्रामीणों की गिरफ्तारियां कर रहे हैं. इससे पहले 12 अप्रैल को गोंडेरास पंचायत की जनता पर पुलिस ने ताबड़तोड़ हमला किया था. साथ ही भागते समय बच्चे, बूढ़े, औरतें समेत 17 की संख्या में रहे ग्रामीणों को बेहरमी से पीटा गया था. जनता पर आए दिन ऐसा ही हमला करना पुलिस प्रशासन की दिनचर्या बन गया है, जिसे देखते हुए DRG के जवानों से बदला लिया गया है.”
हवाई हमले को लेकर नक्सलियों ने जताई आपत्ति
इसके अलावा नक्सलियों ने अपने प्रेस नोट में लिखा है कि गृह मंत्रालय के नेतृत्व में बीते साल चिंतन शिविर चलाया गया. इसमें माओवादी संगठन का तेजी से खात्मा करने को लेकर ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया गया. इस दृष्टि से इस योजना को अमल करने के लिए बीते नवंबर माह में आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो ) के उच्चस्तर के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर माओवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए बस्तर में हवाई हमले में तेजी लाई गई. 11 जनवरी के दिन हुए हवाई हमले में नक्सली संगठन की PLGA सदस्य उंगी मारी गयी.
वहीं, विदेशी आक्रमण से बचाने के लिए बॉर्डर में रहने वाली सेना और उसके साथ अलग-अलग विंग्स के कमांङोज ,स्पेशल फोर्स को यहां तैनात कर बस्तर को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया. इसके अलावा बस्तर की भूमि पर आक्रमणकारी विदेशी भूभाग पर हमले करने जैसे हवाई हमले फोर्स के द्वारा किए जा रहे हैं. जिसका नक्सली संगठन विरोध करता है.
CRPF डीजी ने किया घटनास्थल का दौरा
इधर, घटना के बाद छत्तीसगढ़ के डीजी अशोक जुनेजा के अलावा सीआरपीएफ के डीजी एस.एल थाओसेन भी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे. कड़ी सुरक्षा के बीच मोटरसाइकिल में अरनपुर के विस्फोट वाली जगह पहुँचे. सीआरपीएफ डीजी एस.एल थाओसेन ने कहा कि इस घटना में चूक कहां हुई. इसकी बारीकी से जांच की जा रही है. स्थानीय स्तर पर जांच होने के साथ ही CRPF भी इसकी पड़ताल कर रही है.
हालांकि, SOP का पालन नहीं होना कई बार जवानों के लिए घातक साबित होता है. डीजी ने कहा कि नक्सली इस तरह के कायराना करतूत को अंजाम देने में सफल ना हो पाएं, इसके लिए अब नई रणनीति के तहत काम किया जाएगा और इसके अलावा डीजी ने कहा कि घटना में जो चूक हुई है. उसकी बेहतर ढंग से समीक्षा की जाएगी. जांच के बाद जो कमियां दिखाई देंगी उसे दूर किया जाएगा. सीआरपीएफ डीजी ने ये भी कहा कि नक्सलियों के इस कायराना करतूत को लेकर जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं. आने वाले समय में जिला पुलिस बल के साथ ज्यादा से ज्यादा जॉइंट ऑपरेशन चलाकर नक्सलवाद का खात्मा किया जाएगा.