मानसून के विदा होने के बाद भी चक्रवात की वजह से बस्तर में हो रही बारिश से पहले ही किसान परेशान हैं और उनके फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सोनारपाल इलाके में दवा के छिड़काव से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस इलाके के लगभग 25 से अधिक किसानों के टमाटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, जिससे बस्तर के बाजार में  टमाटर की आवक कम होने से इसके दाम भी तेजी से बढ़ गए हैं.


दरअसल किसानों ने अपने टमाटर के पौधों में कुछ विकृति देख बायर कंपनी के नेटिवो दवा का छिड़काव किया था, जिसके बाद यह दवा उनके लिए जहर बन गई और टमाटर की खड़ी फसल रातों-रात तबाह हो गई, लगभग 25 किसानों को अपने टमाटर के पौधों में दवा के छिड़काव से लाखों रुपए का नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते किसानों ने भानपुरी थाना में बायर कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाई है और संबंधित फर्म के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है.


किसानों ने कहा- दवा के छिड़काव से टमाटर के पौधे हुए खराब


सोनारपाल इलाके में टमाटर की खेती कर रहे लगभग 20 से 25 किसानों ने बताया कि बारिश के बाद उनके पौधों में फंगस की तरह विकृति देखी गई, जिसके बाद इसकी जानकारी कृषि विभाग के अधीन बायर कंपनी के अधिकारियों को दी गई, और इस दौरान बायर कंपनी के अधिकारियों ने नेटिवो दवा के छिड़काव की सलाह दी और लगभग क्षेत्र के सभी किसानों ने अपने टमाटर के पौधों में इस दवा का छिड़काव किया लेकिन एक दिन में ही उनके सारे पौधे मुरझा गए और कई पौधे मर गए, जिसके बाद इसकी शिकायत किसानों ने बायर कंपनी के अधिकारियों को भी की, लेकिन उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए, किसानों ने कंपनी के अधिकारियों को इस बारे में बताया तो कंपनी के लोगों ने दो टूक कह दिया कि उनकी दवा की वजह से ऐसा हो ही नहीं सकता, इधर किसान अपने खेतों में पूरी तरह से मुरझा चुकी टमाटर की फसल देखकर परेशान हैं.


मुरझा गए टमाटर के पौधे


जिस खेत में आमदनी की आस किसानों ने लगा रखी थी अब वहां से उन्हें कोई उम्मीद नहीं जग रही है, बताया जा रहा है कि 25 किसानों के लगभग 150 से अधिक एकड़ में लगाए गए टमाटर के पौधे पूरी तरह से मुरझा के खत्म हो गए, किसानों ने इसकी शिकायत बस्तर किसान कल्याण संघ से भी की है, जिसके बाद पीड़ित किसान और संघ के सदस्यों ने भानपुरी थाना पहुंचकर बायर कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है, और कार्यवाही की मांग करने के साथ मुआवजा देने की भी मांग की है.


गौरतलब है कि बस्तर में सबसे ज्यादा टमाटर सोनारपाल से ही किसान शहरों में बिक्री के लिए मंडी में लाते हैं, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से इस इलाके के किसानों के टमाटर के पौधे पूरी तरह से नष्ट हो जाने की वजह से इन इलाकों से टमाटर नहीं पहुंच पा रही है, जिससे बस्तर में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं और बाजार में 80 से 100 रुपये किलो टमाटर बिक रहे है, इधर इस पूरे मामले में बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने इस दवा की हॉर्टिकल्चर के लैब में जांच कराने की बात कही है और अगर दवा में किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों पर कार्रवाई करने का भी आश्वासन किसानों को दिया है.


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