Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने राजस्थान में जारी सियासी हलचल पर बयान बड़ा दिया है. उन्होंने कहा ''सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की है, ऐसा मुझे नहीं लगता. पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है यह.'' टीएस सिंह देव ने कहा कि सचिन पायलट को लगता होगा कि चुनाव के समय उन्हें मतदाता को जवाब देना पड़ेगा कि क्योंकि उन्होंने कहा था कि वसुंधरा राजे की सरकार में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है और वह इसकी जांच कराएंगे. लेकिन उन्होंने नहीं कराई.


टीएस सिंह देव ने कहा कि अब आप जनता के पास वोट मांगने जाएंगे तो जनता आपसे जवाब मांगेगी. मतदाता कहेंगे कि हम आपको क्यों वोट दें आपने जो कहा था कि अपनी बात आपने पूरी नहीं की. टीएस सिंहदेव ने कहा कि मैं इसे सरकार के खिलाफ आंदोलन मैं नहीं मानता. वसुंधरा राजे के खिलाफ जांच हो इसके लिए वो आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं इसे सरकार के खिलाफ नहीं वसुंधरा राजे की सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने के तौर पर देख रहा हूं.



सचिन पायलट के धरने पर बयान देते हुए सिंहदेव ने कहा कि या तो आप हमेशा चुप बैठे रहो, जो हो रहा है वह होने दो. कल कान पकड़कर पब्लिक आपको बाहर करेगी. इससे पार्टी को ही नुकसान होगा न. प्रजातंत्र के अंदर यह नहीं है कि मुंह नहीं खोलना है. 


उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की है, ऐसा मुझे नहीं लगता. पार्टी विरोध गतिविधी नहीं है यह. इसे सरकार के खिलाफ रिवॉल्ट के तौर पर नहीं देख रहा हूं. वसुंधरा राजे के खिलाफ जांच होनी चाहिए. इसे लेकर मैं देख रहा हूं. 


विधानसभा चुनाव पर दिया ये बयान


टीएस सिंह देव ने कहा कि मैं इस बार चिंतन जरुर कर रहा हूं कि लड़ू या न लड़ू, यह नहीं कह रहा हूं कि चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन चिंतन कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में समाधान दिखा जहां सिद्दरमैयां मंच से कह रहे हैं कि मैं और डीके शिवकुमार दोनों ही सीएम के एस्पिरेंट हैं. मैं भी एक सीएम एस्पिरेंट था. संभावनाएं तो बनी रहती हैं.


बता दें कि राजस्थान में सियासी माहौल हर समय करवट बदल रहा. राजस्थान में सचिन पायलट वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच को लेकर हमलावर हैं. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट कल अनशन पर अकेले बैठेंगे. उनके साथ न तो कोई मंत्री होगा और न ही कोई विधायक. इस दौरान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र से लोगों के आने की जानकारी मिल रही है. सूत्रों का कहना है कि इसे ऐतिहासिक बनाने की तैयारी चल रही है. मामला भले भी अनशन का हो लेकिन मुद्दा घोटालों की जांच का है. यहां से आलाकमान को संदेश देने की तैयारी है. 


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