Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की रफ्तार तेज होने लगी है. पिछले 24 घंटे में 15 ओमिक्रोन पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. इसके साथ राज्य में ओमिक्रोन संक्रमितों की कुल संख्या 36 हो गई. बढ़ते ओमिक्रोन के खतरे के बीच शनिवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से फोन पर बात की है.
दरअसल छत्तीसगढ़ में ओमिक्रोन जांच के लिए सैंपल पड़ोसी राज्य ओडिसा के भुवनेश्वर लैब में भेजा जाता है. लेकिन जांच रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन का समय लग रहा है. ऐसे में ओमिक्रोन पॉजिटिव मरीज की पहचाना कर पाना विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. इसके चलाते स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग स्थापित करने के लिए अनुमति मांगी है.
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जताई चिंता
दरअसल, शनिवार शाम को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ओमिक्रोन के मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से चिंता व्यक्त की और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में हम अब भी ओमिक्रोन संक्रमण की जांच के लिए भुवनेश्वर स्थित जीनोम सिक्वेंसिंग लैब पर निर्भर हैं. आगे उन्होंने ने मनसुख मंडाविया से प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना करने के लिए अनुमति प्रदान करने को कहा. क्योंकि वर्तमान में ओमिक्रोन संक्रमण की जांच करने के साथ ही जीनोम सिक्वेंसिंग लैब कोरोना के बाद आगे भी प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कही ये बात
स्वास्थ्य मंत्री के आग्रह पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस विषय पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की बीच कोरोना के बढ़ते मामलों, राज्य में टीकाकरण की स्थिति समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई.
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