Chhattisgarh: सूरजपुर में नेशनल पार्क क्षेत्र में अवैध पत्थर खनन का मामला, वन विभाग ने जब्त किए दो ट्रैक्टर
Surajpur News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में गुरु घासीदास नेशनल पार्क क्षेत्र में अवैध रूप से किया जा रहा था पत्थर का खनन. वन विभाग की टीम नें दो ट्रैक्टर वाहन को जब्त करते हुए कार्रवाई की है.
Surajpur: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में गुरु घासीदास नेशनल पार्क क्षेत्र में पत्थर के अवैध खनन का मामला सामने आया है. रामगढ़ में ट्रैक्टर के माध्यम से अवैध रूप से पत्थर का खनन करते हुए वन विभाग की टीम ने दो ट्रैक्टर वाहन को जब्त करते हुए कार्रवाई की है. इस संबंध में मिलीं जानकारी के अनुसार वन विभाग की टींम को मुखबीर के माध्यम से अवैध रूप से पत्थर उत्खनन और परिवहन की सूचना मिली. खबर मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जहां एक ट्रैक्टर का चालक वन विभाग की टींम को देखकर अपना वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया.
वनकर्मियों नें दो ट्रैक्टरों को जब्त कर महुली स्थित वनपरिक्षेत्र के कार्यालय में खड़ा कराया है. वहीं ट्रैक्टर का चालक व मजदूर वनकर्मियों को देख फरार हो गयें. जब्त ट्रैक्टर के मालिकों का पता चल गया है. वन परिक्षेत्राधिकारी नें बताया कि जब्त ट्रैक्टरों के विरूद्ध वन अधिनियम के तहत राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी.
बेखौफ होकर खनिज संपदा की हो रही है तस्करी
जब्त टैक्टर ग्राम पंचायत रामगढ़ निवासी रोजगार सहायक संतोष जायसवाल व प्रेम सिंह गोड़ का बताया जा रहा है. गौरतलब है कि गुरु घासीदास उद्यान क्षेत्र में उद्यानकर्मियों होते हुए बेखौफ होकर तस्करी की जा रही है. खनिज संपदा के साथ इमारती लकड़ियों की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं. तस्कर बेखौफ होकर पत्थर, रेत व लकड़ी सहित अन्य सामानों की तस्करी करने में जुटे हुए हैं. लेकिन विभागीय अधिकारी-कर्मचारी इन तस्करों के हरकतों से बेखबर हैं या फिर उनकी मौन सहमति है, यह सवाल बना हुआ है.
तस्करों के हौसले इतने बुलंद कैसे हैं लोगों ने उठाए सवाल
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सीमावर्ती जिला के साथ ही सीमावर्ती राज्य के लोग भी उद्यान क्षेत्र में आसानी से घुसपैठ कर लेते हैं और यहां के वन संपदा का दोहन करते हैं. ये लोग कभी लकड़ी तो कभी रेत तो कभी पत्थरों की तस्करी करते हैं. नागरिकों का यह भी कहना है कि क्षेत्र में वन्य जीवों के खालों की भी तस्करी इन्हीं लोगों के द्वारा कराया जाता है. बहरहाल वन विभाग की टीम दो ट्रैक्टरों पर कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा रही है. वन विभाग के मैदानी अमले के सक्रिय होने के बावजूद तस्करों के हौसले इतने बुलंद कैसे हैं. यह बड़ा सवाल है.